पृष्ठ:आर्थिक भूगोल.djvu/१७१

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खेती की पैदावार भोज्य पदार्थ

१५६ वैनीजुला खेती की पैदावार--भोज्य पदार्थ संसार में कहवा की पैदावार (क्विन्टल में) ब्राजील १२,५००,००० कोलम्बिया २,६७०,००० डच पूर्वीय द्वीप समूह १,०७१,००० मैक्सिको ६५०,००० सालवेडर ५४०,००० ग्वाटामाला ५५०,००० ब्रिटिश पूर्वी अफ्रीका ३८५,००० हयाटी (Haiti) २५०,००० क्यूबा ३२०,००० कारटारिका (Costa-Rica) २४०,००० मैंडेगास्कर ३००,००० वैल्जियन कागो २३०,००० संसार में कहवा को उत्पत्ति २ करोड २० लाख क्विन्टल है। कोकोआ के वृक्ष का मूल निवास स्थान अमेरिका के गरम प्रदेश हैं। कोकोत्रा मैक्सिको तथा अमेजन नदी (Amazon River) (Cocoa) की वेसिन में यह वृक्ष जंगली अवस्था में पाया कोकोआ का वृक्ष कहवा से अधिक गरमी चाहता है फिर भी सूर्य की तेज धूप सहन नहीं कर सकता इस कारण इसको ऊंचे वृक्षों की छाया उत्पन्न किया जाता है। कोकोत्रा की खेती के लिए उपजाऊ भूमि तथा अधिक जल आवश्यक है यही कारण है कि उसकी पैदावार ऊष्ण कटिबन्ध (Tropics) के मैदानों में जहाँ कि वर्षा अधिक हो, दृष्टिगोचर होती है । कोकोत्रा का फल बहुत बड़ा होता है । इसके अन्दर ३० ६० तक बीज निकलते हैं। यदि हवा तेज चले तो फल कच्ची अवस्था में ही गिर पड़ता है, इस कारण जिन देशों में आंधी अधिक आती है वहाँ इसको पैदावार सफलता पूर्वक नहीं हो सकती। ३ या ४ वर्ष की अवस्था में वृक्ष फल देने लगता हैं और ४० वर्ष तक फन्न देता रहता है । कोकोया के नाम से जो चीज़ बाज़ार में बिकती है वह इस फल के बीज होते हैं । फल के गूदे को टिक्कियां तैय्यार की जाती हैं जिन्हें जाता है। में से