खेती की पैदावार प्रौद्योगिक कचे पदार्थ नारियल तेल उत्पन्न करने वालों में विशेष महत्त्वपूर्ण है। अष्ण कटिबन्ध के समुद्रीय प्रदेशों में यह सब जगह पाया नारियल का तेल जाता है। वृक्ष छः वर्ष की आयु में फल देने लगता ( Coconut oil ) है और पचास वर्ष तक फल देता रहता है। इसकी गरी व्यापारिक दृष्टि से महत्त्वपूर्ण है। गरी से ही तेल निकलता है । तेल निकली हुई गरी पशुओं को खिलाई जाती है । लंका ( Ceylon ) भारतवर्ष का दक्षिणी भाग, मझाया, आस्ट्रेलिया, पश्चिमी द्वीप समूह ( West Indies ) मारिशस, फिजी, केनिया ( Kenya) अँजीबार ( Zanzibar ) तथा गोल्ड कोस्ट ( Gold Const ) में नरियल. बहुतायत से उत्पन्न होता है। पूर्वीय देशों से बहुत सी गरी ऐन्टवर्प (Antwerp) लिवरपूल ( Liverpool ) Sapi (Hamburg) an areais (Marseilles) के सांधुन बनाने के कारखानों को प्रतिवर्ष भेजी जाती है। ट्रिनीडाड तथा जमैका (Jamaica ) से भी नारियल संयुक्तसज्य अमेरिका को भेजा जाता है । ऊष्ण कटिबध ( Tropics ) के बहुत से टोपू केवल नारियल के व्यापार के ही कारण श्राबाद हैं। इसका पौधा एक माड़ी के आकार का होता है। इसके फल में जो बीज निकलते हैं उनसे ही अंडी का तेल तैयार किया अंडी का तेल जाता है । अंडी का तेल साबुन बनाने तथा देवा के (Castor oil) काम में आता है। यह अधिकतर भारतवर्ष, जावा, कैलीफोर्निया, इटली तथा दक्षिण चीन में उत्पन्न होता! है। और यहाँ से ही बाहर भेजा जाता है । जैतून भूमध्यसागर ( Mediterranean Sea ) के जलगयु में : पैदा होता है । जैतून के वृक्ष के फल से तेल निकाला जैतून ( Olive ) जाता है । जैतून का तेल खाने में बहुत उपयोग होता है इससे एक प्रकार की चर्बी ( Fat ) तैयार की जाती है जो दूध तथा मक्खन को स्थानापन्न होती है । भूमध्य सागर के प्रदेश में पशुपालन के लिए जलवायु अनुकूल नहीं है इस कारण जैतून का तेल अत्यन्त उपयोगी पदार्थ हैं। इसका उपयोग साबुन बनाने में भी किया जाता है। इसकी पैदावार फ्रांस, इटली, स्पेन, तथा एशिया मायनर में अधिक होती है।
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