टन आर्थिक भूगोल लड़ाई के पूर्व जर्मनी ने.एलूमीनियम के धन्धे की बहुत उन्नति की और वह संसार में सबसे अधिक एलूमीनियम तैयार करने लगा था। १९४० में एलमीनियम की उत्पत्ति इस प्रकार थी :- जर्मनी संयुक्तराज्य अमेरिका १३८,०००.. टन कनाडा सोवियत रूस ४३,००० टन फ्रांस इटली २४,००० टन स्वीटजरलैंड २३,००० 'ब्रिटेन '२१,००० टन मैंगनीज़ का महत्व पिछले कुछ वर्षों से बहुत अधिक बढ़ गया है। इसका उपयोग स्टील (स्पात ) को कठोर बनाने में मैंगनीज़ होता है । इसके अतिरिक्त चीनी के बर्तनों को रंगने (Manganese) के लिए, शीशे पर से पीले धब्बे छुटाने के लिये, तथा बिजली के काम में भी इसका उपयोग होता है। भैगनीज़ से बने हुए स्टील में चुम्बकीय शक्ति नहीं होती. इस कारण इसका उपयोग जहाजों के बनाने में बहुत होता है। १६१४-१८ के योरोपीय महायुद्ध के पूर्व रूस संसार में सबसे अधिक मैंगनीज़ उत्पन्न करता था, किन्तु युद्ध के उपरान्त रूस की उत्पत्ति बहुत घट गई थी। अब फिर सोवियट रूस ने अपनी पंचवर्षीय योजनाओं ( Five- Year plans ). के फल स्वरूप पुरानी स्थिति को प्राप्त कर लिया है। संसार की समस्त उत्पत्ति का लगभग ३५ प्रतिशत सोवियट रूस के काकेशस (Caucasia ) प्रान्त से निकाला जाता है । सोवियट रूस के उपरान्त भारतवर्ष मैंगनीज उत्पन्न करने वालों में प्रमुख है। भारतवर्ष संसार की सम्पूर्ण उत्पत्ति का ३० प्रतिशत के लगभग मैंगनीज़ उत्पन्न करता है। यही नहीं कि भारतवर्ष मैंगनीज़ उत्पन्न करने वालों में प्रमुख है वरन् यहाँ का मैंगनीज़ बहुत अच्छी जाति का होता है । कच्चे मैंगनीज़ ( Manganese ore ) में ५० प्रतिशत से भी अधिक शुद्ध मैंगनीज़ निकलता है। भारतवर्ष में मध्यप्रान्त अधिकांश मैंगनीज़ उत्पन्न करता है । गोल्ड कोस्ट (Gold Const ) ब्राज़ील. और ईजिप्ट ( Egypt ) में भी मैंगनीज़ अधिक निकलता है । इन प्रमुख उत्पादकों के अतिरिक्त संयुक्तराज्य अमेरिका, चीन, तथा स्वीडन में भी घोड़ा सा मैंगनीज़ निकलता है.। मैंगनीज़ बाहर भेजने ..
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