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आर्थिक भूगोल

१६६ आर्थिक भूगोल भारतवर्ष में भी हीरे निकलते हैं। लाल ( Ruby & Sapphire) देखने में बहुत सुन्दर तथा कम होने के कारण अधिक मूल्यव न होते हैं। लाल ( Ruby ) अधिकतर सीलौन, वर्मा और स्याम में निकाला जाता है । अपर बर्मा में मैगाक ( Magok ) इस धंधे का प्रधान केन्द्र है। एमेरेल्ड ( Emeralds ), कोलम्बिया (Columbia ), सायबेरिया, और न्यू साऊथ वेल्स में मिलते हैं। टोपाज़ ( Topazes ) ब्राजील और रूस के यूराल पर्वतीय प्रदेश में मिलते हैं। Tourmalines सीलौन सायबेरिया, तथा संयुक्तराज्य अमेरिका में निकाले जाते हैं। प्रोपल (Opals) क्वीन्सलैंड (Queensland ) हंगरी और सैक्सनी ( Saxony ) में पाये जाते हैं। ऐम्बर ( Amber ) बाल्टिक समुद्र के तटवर्ती प्रदेश में निकलता है। मोती ( Pearls ) मैनार की खाड़ी, बैरिन द्वीप (Bahrein Island) सुलू दीप (Sulu Island) कैलीफोर्निया की खाड़ी, और आस्ट्रेलिया के उत्तरी तथा पश्चिमी समुद्र तट के किनारे छिछले समुद्र में निकलते हैं। मनुष्य समाज जैसे-जैसे अपनी सभ्यता का विकास करता गया, वैसे ही वैसे वह प्रकृति से अधिक लाभ उठाता गया । जब शक्ति के साधन मनुष्य प्रकृति के अधीन था उस समय उसे बहुत थोड़ी (Sources of वस्तुओं पर ही निर्वाह करना पड़ता था। परन्तु जैसे power) जैसे उसने प्रकृति पर अपना अधिकार जमाना प्रारम्भ किया वैसे सी वैसे उसने बहुत से पदार्थ बनाना शुरू कर दिये । किन्तु वस्तुओं को बनाने के लिए कच्चे ( Raw material ) तथा शक्ति की थावश्यकता होती है। यदि यन्त्र तथा मशीनों को चलाने के लिए संचालन, शक्ति ( Mechanical porer) न हो तो वे बेकार पड़े रहें । यदि मनुष्य शक्ति के नये-नये साधन (भाफ और बिजली ) न हूंढ़ निकालता वो अाधुनिक प्रौद्योगिक उन्नति सम्भव ही नहीं होती । वास्तव में यन्त्र तो शति का उपयोग कर लेने के साधनमात्र हैं। किसी भी देश की आर्थिक उन्नति शक्ति ( Porrer ) पर ही निर्भर होती है। आधुनिक युग में यह यात बहुत स्पष्ट रूप से दिखाई दे रही है कि जिन देशों ने संचालन शक्ति को पढ़ा लिया वे ही श्रोगेगिक उन्नति कर सके हैं । नीचे दी हुई तालिका से यह यौर भी स्पष्ट हो जावेगा:- घोड़ों को शक्ति, प्रति कुली संयुचराज्य अमेरिका २.४