पृष्ठ:आर्थिक भूगोल.djvu/२५

विकिस्रोत से
यह पृष्ठ अभी शोधित नहीं है।
१२
आर्थिक भूगोल'

आर्थिक भूगोल वनस्पति जलवायु तथा मिट्टी पर निर्भर होती है। वर्षा, गरमी, रोशनी, और वायु पौधे के लिए आवश्यक हैं। पौधे अपनी जलवायु और पत्तियों के द्वारा हवा से अपना भोजन ले लेते हैं घनस्पति और उनकी जड़ें पृथ्वी से जल खींचती हैं। रोशनी और धूप के द्वारा ही जल और वायु पौधे के लिये भोजन में परिणत होते हैं। भिन्न-भिन्न जाति के पौधों के लिए भिन्न-भिन्न जलवायु चाहिए किन्तु पौधे अपने अनुकूल जलवायु के अतिरिक्त दूसरे प्रकार के जलवायु में भी उत्पन्न हो सकते हैं। जिस प्रकार ठंडे देश का रहने वाला मनुष्य कम गरम देश में रह सकता है उसी प्रकार पौधा भी भिन्न जलवायु में उत्पन्न हो सकता है। ___गरम देशों में पौधे घने और बहुतायत से उत्पन्न होते हैं, तथा ठंडे देशों __ में बिखरे हुए और कम उत्पन्न होते हैं। पौधे के लिए सूखी हवा हानिकर होती है क्योंकि वह पौधे का रस सुखा देती है। यही कारण है कि प्रकृति ने रेगिस्तान में ऐसे पौधे उत्पन्न कर दिये हैं जिन पर एक प्रकार का गोंद रहता है जिससे पौधे का रस न सूख सके। इसके अतिरिक्त इन पौधों पर पत्तियों ही नहीं होती, पत्तियों के स्थान पर कोटे होते हैं जिससे हवा रस नहीं सुखा सकती । पौधे के लिए रोशनी भी अत्यन्त आवश्यक है क्योंकि पौधा रोशनी से ही जल्दी बढ़ता है। यह तो पहले ही कहा जा चुका है कि अत्यधिक गरमी तथा ठंडा पौधे को नष्ट नहीं कर देती। रेगिस्तानों में १२०० फै। वनस्पति तापक्रम ( Temperature ) में भी पौधे उगते हैं का प्रभाव और ध्रुव प्रदेश में बहुत नीचे तापक्रमों में भी वहाँ की घास मर नहीं जाती। हाँ गरम प्रदेशों में जहां जल यथेष्ट होता है वनस्पति बहुत सघन होती है और ठंडे देशों में वनस्पति कम होती है। वनस्पति दो प्रकार की होती है। सघन वन ( Wood lands) और घास के मैदान (Grass lands)। जिस प्रदेश में घास अथवा वन कुछ नहीं होता वह रेगिस्तान कहलाता है। वन भी कई प्रकार के होते हैं। ऊष्या कटिबन्ध (Tropics ) के सघन वनों से लेकर ठंडे प्रदेशों के पाइन ( Pine ) के जंगलों तक भिन्न-भिन्न प्रकार के वन प्रदेश मिलते हैं। इसी प्रकार घास के मैदानों में भी बहुत तरह के मैदान होते हैं । सघन वनों के लिए अधिक वर्षा की आवश्यकता होती है और घास के मैदानों के लिए यह आवश्यक है कि वर्षा थोड़ी बहुत साल भर होती रहे । वनों के लिए सूखी