व्यापारिक मार्ग तथा व्यापारिक केन्द्र अधिक नहीं चल सकते। नहर को पार करने में जहाज़ों को १५ घंटे लग जाते हैं। साधारणतः दो छोटे जहाज़ नहर में साथ साथ निकल सकते हैं, किन्तु बड़े जहाज़ एक साथ नहीं निकल सकते । इस कारण जब तक एक जहाज नहर से न निकल जाये तब तक दूसरे जहाज़ को एक किनारे पर रुकना पड़ता है। स्वेज नहर के खुलने के पर्व जहाज़ केप पाव-गुड होप होकर आते थे। किन्तु स्वेज नहर के खुल जाने से योरोप तथा भारतवर्ष की दूरी में बहुत कमी हो गई। लंदन से बम्बई आने में केप मार्ग १०५०७ मील का फासला था किन्तु स्वेज़ नहर के रास्ते केवल ६२६० मील ही है। हांग कांग का अन्तर १२७३७ मील से घट कर ६६८८ मील, फ्रीमैंटल का अन्तर १०६०० मील से घट कर केवल ११४० रह गया। स्वेज की नहर खुल जाने से ब्रिटेन का अपने पूर्वीय साम्राज्य से अन्तर कम हो गया और उसके व्यापार को बहुत प्रोत्साहन मिला । स्वेज़ नहर का उपयोग प्रतिवर्ष लगभग ६००० जहाज़ करते हैं । इनमें सबसे अधिक जहाज़ ब्रिटेन के होते हैं ५५ प्रतिशत के लगभग जहाज़ बिटेन के, १० प्रतिशत जर्मनी के ६ प्रतिशत हालैंड के, ७ प्रतिशत फ्रांस के ५प्रतिशत इटली के, ४ प्रतिशत जापान के, तथा ३ प्रतिशत संयुक्तराज्य अमेरिका के जहाज़ होते हैं। पिछले वर्षों में ब्रिटेन के जहाजों का अनुपात घटता गया है और जापान, इटली तथा फ्रैंच जहाजों का अनुपात बढ़ता गया है। यद्यपि स्वेज नहर ईजिप्ट की सीमा में है और एक कम्पनी की सम्पत्ति है परन्तु १८६८ के समझौते के अनुसार इसकी घेराबन्दी ( Blockade ) नहीं की जा सकती और इसमें से होकर सब राष्ट्रों के जहाज़ चाहे वह माल से लदे हों अथवा' युद्ध सामग्री से लदे हों किसी भी समय शान्ति अथवा युद्ध में जा सकते हैं। स्वेज़ नहर से होकर जाने वाले जहाजों को नहर की फीस देनी होती है । पनामा नहर की तुलना में स्वेज़ नहर की फीस बहुत अधिक है । यही नहीं अब नए जहाज़ ऐसे बनने लगे हैं जो ४० फीट पानी के अन्दर रहते हैं ऐसें जहाज़ स्वेज नहर में से होकर नहीं जा सकते । अतएव नहर को अधिक गहरा करने का विचार किया जा रहा है। पनामा नहर १९१४ में व्यापार के लिए खुली। यह नहर अटलांटिक समुद्र · को प्रशान्त महासागर ( Pacific Ocean) से पनामा नहर जोड़ती है। इस नहर की लम्बाई ५० मील हैं। इसमें तीन द्वार (Lock) हैं। सब द्वार (Lock) दोहरे हैं इस कारण
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