३२७ मुख्य व्यापारिक देश मिलने की सुविधा की और साम्राज्यांर्तगत देशों में उसका माल विकता था। (२) जिन देशों में कपास उत्पन्न होती थी वे औद्योगिक दृष्टि से पिछड़े थे (३) ब्रिटेन का जलवायु सूती वस्त्र व्यवसाय के लिए उपयुक्त पा यहाँ की हवा में स्वाभाविक नमी रहती है । (४) ब्रिटेन में कोयने की अधिकता तथा रंगाई और धुलाई के लिए उपयुक्त मीठा जाल भी अधिक राशि में Collon textiles Mochinery Metalwork Glass vrahy Sorgh ukircasil Hull Liverpool London उपलब्ध है। (५) उस समय ब्रिटेन में पवरलम तथा सूत कातने की मशीनों का आविष्कार हुआ था इस कारण वहाँ यंत्र इत्यादि के मिलने की सुषि थी। (३) भारत तथा अन्य पुगने सूती वस्त्र उत्पन्न करने वाले देश राजनैतिक पराधीनता में पड़े थे यही नहीं योरोप में राजनैतिक अशान्ति पी। ब्रिटेन में यह धंधा मुख्यतः लंकाशायर में केन्द्रित है। लकाशायर में इस धंधे के केन्द्रित होने के भौगोलिक कारण है। सूती वस्त्र व्यवसाय के लिए नम वायु की आवश्यकता होती है नहीं
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