पृष्ठ:आर्थिक भूगोल.djvu/४४०

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शक्ति के श्रोत

शफि के श्रोत ४२१ तपा पश्चिमी घाट पर वर्षा यथेष्ट होती है। साथ ही. धरातल ऊबड़-खाबड़ होने के कारण नदियों बहुत से स्थानों पर ऊँचे से नीचे तल पर गिरती हैं। अतएव जहाँ तक पहली दो आवश्यकताओं का संबन्ध है वे पूरी हो जाती हैं। परन्तु भारतवर्ष में वर्षा प्रत्येक मौसम में नहीं होती । इस कारण नदियों में किन्हीं महीनों में तो अत्याधिक पानी होता है और उनमें बाढ़ आ जाती है और गरमी तथा जाड़े के महीनों में नदियों में पानी बहुत कम रह जाता है। इस कारण यही बिजली उत्पन्न करने के लिए बड़े बड़े बाँधों को बना. कर जल इकट्ठा करना पड़ता है । वर्षा का जल इकट्ठा करके इन बांधों में रोक लिया जाता है और उसको ऊँचाई से गिरा कर विद्युत् उत्पन्न की जाती है । यदि बाँध बनाकर पानी को इकहा न किया जाये और जहाँ नदियाँ ऊँचाई से मैदान पर पाती हैं वहाँ प्लांट ( Plant) लगाया जाये तो विद्युत् उत्पन्न करना कठिन हो जाये। क्योंकि यदि प्लाट इतना बड़ा खड़ा किया जाय कि वह बाढ़ के समय जो अत्यधिक जल नदी में पायेगा उसका उपयोग कर सके तो तीन महीने के उपरान्त जब पानी बहुत कम रह जायगा तो प्लाट वेकार हो जायेगा और यदि छोटा प्लांट लगाया जाये तो वह बाढ़ के समय बेकार हो जायेगा। अतएव भारतवर्ष में बाँध बनाकर पानी को रोकना आवश्यक हो जाता है। इन बाँधों के बनाने में करोड़ों रुपये व्यय होते हैं। इस कारण बिजली उत्पन्न करने में अन्य देशों की अपेक्षा यहाँ व्यय अधिक पड़ता है । भारतवर्ष में कोयला बहुत सस्ता है। इस कारण उत्तर भारत के नगरों में कोयले से बिजली उत्पन्न की जाती है। जो स्थान कि कोयले की खानों के समीप हैं वहां कोयले से बिजली उत्पन्न करने में कम व्यय होता है। पहाड़ी प्रदेशों और दक्षिण प्रायद्वीप के उन भागों में जो कोयले के क्षेत्र से बहुत दूर हैं कोयले को ले जाने में व्यय अधिक होता है । अतएव उन 'भागों में जहाँ बिजली की माँग है जन्म-विद्युत् उत्पन्न की जा रही है। भारतवर्ष में जल विद्युत् उत्पन्न करने के बड़े बड़े कारखाने उसी समय स्थापित "किये गये जब कि कोयले का मूल्य बहुत बढ़ गया था। भारतवर्ष में तीन प्रकार के जन्म-विद्युत् उत्पन्न करने के कारखाने हैं, (१) वे कारखाने जो बड़े बड़े बौद्योगिक तथा व्यापारिक केन्द्रों को बिजली देते हैं (२) वे कारखाने जो नहरों के जल से विद्युत् उत्पन्न करते हैं। (३) वे कारखाने जो पहाड़ी स्थानों को रोशनी देने के लिए बिजली उत्पान