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आर्थिक भूगोल

आर्थिक भूगोल इनका केन्द्र ही बन गया है। बंगाल के अतिरिक्त बम्बई, और मदरास में भी चावल कूटने के कारखाने हैं,। धीरे धीरे. किसान स्वयं धान को कूटना और साफ करना छोड़ रहा है। वह अधिकतर , अपने धान को मिलों को बेंच देता है। मिलें ही उसे कूट और साफ: करके बेंचती हैं। कुछ मिलों में चावल की भूसी को ही जलाकर शक्ति उत्पन्न कर लेते हैं। चावल.. का . भूसा बहुत.कड़ा होता है. इस कारण उसको पशु नहीं खाते। जलाने, छप्पर छाने तथा चटाई बनाने में उसका उपयोग होता है। Wheat भारतवर्ष में कुल ७८, ०००, ००० एकड़ भूमि परं. चावल उत्पन्न होता है जिसमें ७० लाख एकड़ केवल बंगाल में है। समस्त देश में लगभग २६, ०००, ००० टन चावल उत्पन्न होता है। इससे - यह स्पष्ट है कि भारत में सबसे अधिक चावल बंगाल में उत्पन्न होता है किन्तु वहाँ की आबादी बहुत अधिक होने के कारण चावल की कमी पड़ती है और चावल बाहर से मँगाना पड़ता है।