पृष्ठ:आर्थिक भूगोल.djvu/५०

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पृथ्वी के धरांतल की बनावट और मिट्टी

पृथ्वी के धरातलं की बनाबट और मिट्टी रेलः इत्यादि) के बनाने में कोई रुकावट नहीं होती और जो भी नदियाँ मैदानों में बहती हैं वे भी व्यापार के लिए सुविधाजनक जलमार्ग बन जाती हैं। यही कारण है कि मैदान हो पृथ्वी के सबसे घने आबाद प्रदेश हैं । उदाहरण के लिए उत्तर पश्चिम योरोप, दक्षिणी रूस, चीन, भारत, तथा संयुक्तराज्य अमेरिका के मैदान संसार के अत्यन्त. घने श्राबाद प्रदेश हैं। किन्तुं जिन मैदानों में अत्याधिक शीत होती है उन मैदानों में जनसंख्या धनी नहीं होती । उदाहरण के लिए सायबेरिया तथा उत्तरी कनाडा के मैदान । जल की कमी भी मैदानों को वीरानं बनाने का कारण हो सकती है। उदाहरण के लिए सहारा और अस्त्र के विशाल मैदान जनसंख्या रहित हैं। क्योंकि वे अत्यन्त शुष्क प्रदेश हैं । ऐसा अनुमान किया जाता है कि पृथ्वी के स्थल भाग का केवल ३० प्रतिशत ही इतना समथल, गरम और नम है कि जिस पर खेती हो सकती है। पृथ्वी पर मैदान ही कृषि और उद्योग-धंधों की उन्नति के स्थान हैं और इन्हीं मैदानों में संसार के सभी प्रसिद्ध नगर बसे हुए हैं और यह मैदान ही संसार की सभ्यताओं और संस्कृति के केन्द्र हैं। ' पृथ्वी की लगभग एक तिहाई भूमि २००० फीट से ऊंची है और वह ....... ... पहाड़ कही जा सकती है। पठारों को नदियां काट कर पठार और पहाड़ उनमें घाटियाँ बना देती हैं। और खेती तथा आबादी ( Plateaus and इन्हीं नदियों की तंग घाटियों में फलती-फूलती हैं। "mountuins ) जहाँ घाटियां बहुत छोटी होती हैं और तले का

.. - मैदान बहुत कम होता है वहाँ किसान घाटी के

दोनों और पहाड़ियों के ढालों पर खेती करने का प्रयत्न करते हैं। किन्तु पहाड़ी ढालों पर मिट्टी की बहुत पतली तह जमी रहती है और बहता हुआ पानी उसका कटाव करता है ( Erosion of soil ) इस कारण वहाँ की भूमि अधिक उपजाऊ नहीं होती और न अच्छी खेती हो हो सकती है। 5. जहाँ पहाड़ों के आर्थिक महत्व का प्रश्न है पहाडों को दो श्रेणियों में बाटा जा सकता है । एक तो वे जो अपनी चोटी तक जंगलों झाड़ियों तथा घास से ढके रहते हैं दूसरे वे हैं जो उस रेखा से भी ऊँचे हैं जहाँ तक बनस्पति उग सकती हैं। इन पहाड़ों पर ग्लेशियर (बर्फ) जम जाता है और जब वह पिघलते हैं तो घाटियों की ओर नीचे उतरते हैं।

पहले प्रकार के पहाड़ों पर मनुष्य अपना निवास स्थान बना सकता है।

यद्यपि वहाँ खेती तो कम ही होती है किन्तु पशु पालन तथा दूध का धंधा बहुत होता है । भेड़ चराना भी वहाँ एक प्रमुख धंधा है और ढालों पर थोड़ी बहुत खेती भी होती है। ..