पृष्ठ:आर्थिक भूगोल.djvu/५०८

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उधोग-धंधे

उद्योग-धं है, कि आज भी वे देश के प्रमुख. श्रौद्योगिक केन्द्र है नवम्बई और कलकत्ता बन्दरगाह थे । इन्हीं व्यापारिक केन्द्रों का: पश्चिम से अधिक सम्बन्ध : पा,। देशाका कच्चा मान विदेशों को जाने के लिए. यहाँ इकट्ठा होता. पां। रेलवे लाइनों के द्वारा यह व्यापारिक केन्द्र भीतरी भाग से जुड़े हुये थे। रेलवे कम्पनियों ने अत्यन्त दोषपूर्ण किरायोकी नीति ( Rate:policy.) को अपना रक्खा या अर्थात् जो माल देश के भीतरी भाग से बन्दरगाह की ओर तथा बन्दरगाह से भीतर की ओर जाता था उस पर कम किराया लिया जाता था। इस नीति का उद्देश्य यह था कि इङ्गलैंड का तैयार :माल कम खर्च में आ जाये और भारत का कचा. माल बाहर चला जाये। इंस: दोषपूर्ण नीति के कारण सभी कारखाने आरम्भ में बन्दरगाहों में स्थापित हुये। & Khyber PPK FGHANISTAN Lahore Quelto à Delhi Cawnport Aron Jute Coal Bombay ton Steel 59. M. Månganese Oil Textile other industries Coch Hydro electric Power Power from Coal a Oil Colombo यद्यपि भारतवर्ष में अाधुनिक ढंग के बड़ेतकारखानों का श्री गणेश सन् १50 के बाद होने लगा या फिरभी बीसवीं शताब्दी के औरम्भ वकं उद्योग-धों की प्रारम्भिक अवस्था पी१८१४ के योरोपीय युद्ध के प्रारम्भ होने के समय भारतवर्ष में सूती वस्त्र कि कारखानों और जूट के कारखानों के अतिरिक्त अन्य कारखानास्पापित नहीं हुये थे। सूती वन के आभू०-१३