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आर्थिक भूगोल

६०. · पार्थिक भूगोल खनिज पदार्थ बहुत मिलते हैं और गमनागमन के साधन अत्यन्त उन्नत. अवस्था में हैं। यही नहीं यहाँ का जलवायु मनुष्य को परिश्रमी और पुरुषार्थी बनाता है तथा व्यापार के लिए इन प्रदेशों की स्थिति बहुत उपयुक्त : है । ब्रिटेन ने उद्योग-धंधों, व्यापार तथा उपनिवेश निर्माण में बहुत उन्नति की। फ्रांस ने विचार, कला तथा रुचि का नेतृत्व प्रदान किया और जर्मनी ने विज्ञान में संसार का नेतृत्व किया । संयुक्तराज्य अमेरिका, कनाडा तथा न्यू जीलड भी तेजी से उन्नति कर रहे हैं और संयुक्तराज्य अमेरिका आज बहुत सी बातों में संसार का नेतृत्व प्रदान कर रहा है। इन प्रदेशों में वैज्ञानिक खेती तथा उद्योग-धंधे उन्नति की पराकाष्ठा पर पहुंच गए हैं। ध्रुवों की जलवायु इस प्रकार जलवायु उत्तरी गोलार्द्ध में ही पाई जाती है । जाड़ों में यहाँ अधिक शंत पड़ता है और जाड़े लम्बे होते हैं। उत्तरी धन गर्मियां छोटी होती हैं और साधारण गर्मी पड़ती है। प्रदेशों की जल. गर्मियों में दिन बहुत लम्बे और रातें बहुत छोटी होती वाय हैं। गर्मी के दिनों में साधारण अच्छी गर्मी पड़ जाती है। जाड़ों में अत्यधिक शीत पड़ता है। यहां वर्षा बहुत कम होती है। यहाँ वर्षा अधिकतर हिम के रूप में गिरती से । यह वन प्रदेश - (Coniferous foseet) उत्तरा अमेरिका, योरोप, तथा उत्तरी एशिया तक फैला हुआ है। यहाँ जाड़े की ऋतु बहुत लम्बी और अत्यधिक ठंडी होती है । गर्मी . की ऋतु बहुत छोटी तथा साधारण गर्म होती है । टुंडा की जल- गर्मियां यहाँ इतनी छोटी होती हैं कि जाड़े की बर्फ पाय (Tundra अच्छी तरह से पिघल भी नहीं पाता कि फिर जाड़ा Cimate) पा जाता है और बर्फ गिरने लगती है। यहाँ बादल बहुत रहते हैं और शीत तो बेहद पड़ता है। यह तो पहले ही कहा जा चुका है कि जैसे जैसे हम ऊँचे चढ़ते जायेंगे गरमी कम होती जावेगी । ३०० फीट ऊंचे चढ़ने पर पर्वतीय जल- एक डिगरी तापक्रम गिर जाता है। यहाँ तक कि यदि घाय पर्वत बहुत ऊँचा है तो एक ऊँचाई पर बर्फ जमने .. ४ . लगती है। पहाड़ का जो ढाल जल लाने वाली हवाओं के सामने पटता है उस पर खूब वर्षा होती है और जो ढाल पवन विमुख