पृष्ठ:आलमगीर.djvu/१२६

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मीरममा प्रश राम्पर भग्नावशिए छोरे-छोटे हिन्दू सम्म पो हुए थे, जिनपर प्रय मुक्षिम शाहका प्रापिपल होने ममा पा ! बिहामील से फैनार मदी के प्रदेशों बीवी हई गोलकुराकी सेनामों मे उस गम्मतीमागाल की खादी तावा दिया पा। पीयापुर राग्य रविवार पदवे हुए विधी और बोर के मिना वश में र पर पूर्व प्रोर बदमे लगा। विरामनगर के अन्तिम प्यमापरोपों ग्रे संगठित करके दो चमगिरि गम्मकी स्थापना की गई थी। पूर्व में मेलोर से पारिरीक मोर पभिम में मैसूरी सीमा पर गरम हा मा पा । उपर पोर पिर दोनों पियानो में इन रोनों मुमतमानी राम्पों के बीच पा हित र परप एक प्रभर से पिर ही गया था, और प्रब बीमापुर और गासकरम पानों सम्मो के बीप इसे सपने भी बन रही थी। अब गीत अपरा की इस काम में बो प्रगति हुईबी सन प्रषिय मेष मीरममा दीपा। बापुर का मसवान मुहम्मर भादित या मर गया। उसके प्रधान मन्त्री शान मुहम्मद और मुखवान श्रीबेगम बड़ी सारिया ने मव मुशवान के १८ वर्षीय पुत्र को प्रती प्रादिसणार रितीम नाम से गद्दी पर बैठा दिला । इस पर पविष के मुगल सूपेशर पोरगर ने बारयारको सूचना दी मिली पास्वप में मृत पुजवान प्र पुष नहीं है।पाएकनाप मामी बिसे मुहम्मद प्रादिनया ने हरम में रसार पासा पा| भोररणेब मे इस सपना साप ही पौगापुर पर उरव मारमयरमे की अनुमति मी मोमो पी। उपर मारिवार की मुस्प होवे ही पर्नाटक में पड़ी मारी गाड़ी मच गई। मीगये ने बिक्नीचाही बमीन अपने प्रषिधर में रही। एबपानी दया और मी सराप हो गई। बीमापुर रे सरदार प्रापत में एक-दूतरे से मरने-अपने आप में शासन-सा देने जाने लगे। प्रपान मची सान पहादुर पारों ओर से न परे प्रो से पिर गध। व