भासमगीर दुबवर से प्रोस ने पूा वाम उठाया और उन विगरेस सरदारों तोडमोड कर एक पर नहा र दिया । येषापुर गच पार के भनेक परदार, अमीर, भोरगावी व्हावा मे मार हो गए। मीगनुमना के रिनी पहुंचने से प्रपम पों से शादी पर्मान पौरखने के पास मा गया किबीयपुर के मामले में ना मुनासिक सममो तबकरो। पातु मा बावन में बीमापुर विद स पुरयोपयाची, गोपीचापुर पम्प के मवि राठर अम्बार पा । भोगापुर मुगल साम्राम्प प्रप्रपीन राज्य नपा। मित्र पम्प था। इसलिए मुगल दरबार को उसके भीतरी मामलों में दान देने पो अभिधर न पा। परन्तु पोरहो तो ऐसे से तुग पारगा पा, और अब वापसी बेचैनी से मीरमहा के प्रत्यागमन पर देखने लगा। मीरखुममा बीमार मुशिक्षित सम्म और उमदा तोपखाना लेकर औरणामार मा पश। अब उतने दायरे इस बकम्म की कप मी परवाह न कि औरत से पा रहे। उतमै पौरखो गप पीहर पुर्ग का परा सन दिया। पहों के शिकार हो मरबान में भारी अरोप बिगा पर मीरजुमला शिक्षित वोपथिरों के सामने उसी एम पसी । विपरीवारें भादो गई और दुर्भाग्य से एक गोला बारूद भरे हुए मधन पर गिरने से मिले का पाषा माग एपगारगी ही उस गया । मरवान बुरी पर अपने दो पुगो सावित पायम दुपा, और विवी मुगर नगर में पुतार एगर मचाने लगे । ताबार मृत्यु-रारमा पर परेर मरमान में अपने साव पुषी को मिले की पापी रेकर प्रौरनमेजपात मेग दिया । स प्रपर बल २० दिनों में बीदर मा दुर्गम पुर्ण प्रौरहने मे बीव लिया। इसमें बहुत-सी साममा रे साप नकल पर बात पप, प्रार साल मूल्य प्र गोवा-याम्म, प्रनाय पौर दो ही वीस वोपे उसके हाप.
पृष्ठ:आलमगीर.djvu/१२७
दिखावट