पृष्ठ:आलमगीर.djvu/१३८

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मोरमएम याबादेवी के पुत्र थे। इन गाहमादा समय मायु कम प्रकार और पौराणी पो । मे देगम की पर सूबसूरत पर बादी बदानि पी पिसी मामु इस समय दस साह पी। 'पौरशावादी माल' मामी और बेगम प्रौरा के हरम में थी, जिसे सही में उसमे हरम में गत शिया का। परस्त इस समय इस पर और दोगी गारबारेकरम में सबसे दिमयस्प होगाई थी, बो औरंगजेब मन पर पद गई मी मौर उसे मनमाना नाच नचाती थी। यह एक प्रताधारण समारी, चना और नृत्य-संगीत में निपुण स्त्री की। मस में पर नाबादी के नाम प्रसिय पी। Tा विस्ता ऐसा कभीर सतीन नामक एक पति साप मोरंगमा श्री बहिन परिवारमा पावी मौसी उन दिनो पुरहानपुर में पी पी मोर बर वियोगकोरी उसी गुहाम भी। परिठी वापरोग से उसने इसे पोदामों में सदा या और सर मीरसतोस मी इस पर सस्टू पा । मौरंगी वयामापा मार उसकी मोदी ने रीच तादी मार दिया और भोरंगजेब उप पर इस पर कामोट से गा- हिमोटीको-पप्पोकर उससे इसे माँग सिमा । बुदी मोती मोतिया गर मिरी भोर इस तरीके स्थान पर पास स्वामी मिस गया। इस वादी पाठी का भोरमदे पर उन दिनों ऐसा मया बाग दुमा पाकिम से भरिग होते ही पारी माल में भी पचवा पा। न उसे पण मी पीनी पड़ती थी और उसय नल संबीचमी रेसमा पाता था।