पृष्ठ:आलमगीर.djvu/१७८

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सनम - प्राते ही पते पे, मिनसे पद पर कुपा होता बता पा सपा किन पड़ो में उसकी सूा समो-पपोभी बाठी पी। अब उसने मदाम से मुरगपुरीन के नाम से अपने को वारणा पोषित परिण। लावा शाहबाबा उसप सपा रामचिन्ता पामोरङ्गक पूर्ववा से प्रयो तर परिचित था। पर धौरा माडोका मा पहुँचा और मायनो में बनी गल र उठने मुराद सिता कि 'माप सब या औरतब यहाँ माप में अपने सर धमेत प्रापक सापालशबिर बैठा है। अब भाप पर दसरीफ गए। दो एकपार मे उठे फिर समझाया- "मेरे पास, मुझ पर पपीन प्रेलिय। पारे बार माप गुबराब-सिपमदाबाद में मव पोलिए । में प्राए को इस रखा समी मत पिहोंच म्पतिक ना दूंगा और मेशुमार औसत भापकदमों में बा र गा" "इस पर मुगा ने स परमा-"मगर ऐसा क्या सस्ते ऐपती पपपर होमे "पर, उसकी उम्मीद न रसिए।" "मफिन मेरा माई मोरंगयेमेरे लिए कर तिसरी मश से या धब मुझे मुनातिन नील दीया , और प्रति पाहा: "हर, मेरे प्रास, इस दमापान मोरंगको फेर में न परिए, इस पर पप मी मपैसा मत पिए।" मुपद ने अविश्वातीची वर सम्धे पीर और सामि मच सेवक सेमा-मा, मैं पर्वत में मारी दास्तान तुगा, भेरे प्यारे ग्राहब, मेयक म एक परादुर सिपाही दोमगर पार पO मशीर होने लायक नहीं।" इसी समय मुहम्मद ममीन और मुरम्मर मिनी ने मार गए 1