पृष्ठ:आलमगीर.djvu/१८५

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pusti मासमगीर बर्यास्त इमा। हाय सबसे परिये सवाम पर पारिया, परन्त मिराबाबय सिंह बाबाने सगे तो बापवाह मे उगाने इशारा किया । एपम्त होने पर उन्होंने पा- "भाप शुमा प्रदीपिएगा पीरम मुगविक वापस पते पाना-सिर्फ तमाग फई ही मही पति अपनाइमन और तस्वनती कसे मी पा निहायत जरूरी किया इस तौर पर अपना और और तापत न दिलाए । इसलिए, एक मनाठिन मौनतम लिए म प्रा बार पानी वायकेविमाय बीमारी मानाब म मामिव हो या मुरासमा और प्रौरान मुश्वरा कोंच नवीना न माछम हो जाए, ऐसी बसवामी दमारे थिए मस्सा नहीं है।" मायबबब मिमे वारणार र वह इस्मीमान रिवाया ऐसा ही होगा और पता होगा साई बागी । सिर्फ यामारेको पाफ्त की चोम दिया जायगा । वारणा ने सवार होकर पा-"क्स, पदी म पाते। और वापर मीकि बस-से-बत्व पर प्रमो-मिना श्रेष पए या कममोर लिए माप पायरे मोर भावाभिमागे न मास देवा मीमो और सी बहरत पड़े।" गण मे पर भी स्वीमर मिा और बन्दगी मरेपो भए । भारणार कुसिव और चिन्वित मन से भविषधे तोचते हुए सम्व से उपर पनी सीरियोग आप वीरे-पीरेमामगार मोर गरीबई। पोदनी विरकही पी। मने पाया समान चमझ पा पा। पारगाह ने एक मबर उठ पर राखी और प्रतीची सुपर स्मृतियों में विमोर हो एपठीससीबी।