पौराठिनाइर्षों उसमे मा पर सिया मा बि साहबहाकी मुख्य भ निरमपन से मार पर विदोहन झरा न उठायेगा। परन्तु ů पटनाएँ देवी से बट पीपी उन्होंने उसे इस निर्णय पर सदन रहने दिए । उमेरविण से सम्मन रसने वासी दायीमीति मातोपुरी थी। उसने यह मी मुना था कि मुण्य को गुजरात की सवारी से एयर बसर प सूबेदार पनामे का इस्म मारी हो पुस । रुप वा पर्व सपा बिरार पोरसव से बीन र और मुपद, म दानो माइपो में झगड़ा पैसा परा दिया था। उसे का भी सूचनाएं मिल पुध की शारामा को उसका सा समय या-और प्री माह शासक बा, मासये से वापत प्रागरे बझापा गरावा ऐसे ही परवाने मीरखुमना और पि मम्म उमरको पर मी बारीकिए गए। पर ससे पाए गया कि बादशाह बनने के लिए प्रतिम प्रय करने में समय मा उपस्थित हुभा। उसके प्रसीम सादर और मीति शरमीयम्सेवा उसने महामशाप्रेमापय भगा सवास में रेपर मिरा और पापणा नाम उसकी सारी सेना और बासराव पम्द कर ली । र उसने ही किया कि मौरममा पदिय दोनों पुषवानों से मिह कर परम रषय है। समय प्रायरे में नया वीरे प्राचम दारा ने बारीक निम सिमापा। सने उसे लिए दिया कि वारवार माम भारत अपनाह सुनकराम्य पिता के दर्शन करने पायरे म पा। प्रविरिल पदवार प्रेमी एक अस्पद विनयपूर्व पर पिता बिसि पौधे हो भो। अब सपने मोजणारे र शारर रोपांच तुरन्ट भदा परने के लिये मोर मोबकरण स्थित मुगत पन्त का ठोपोर मार रहा बार ऐसी रिपवे दी पई। वार उसने पौगार की एम्मावासी साहि मत से उच्म की
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