पृष्ठ:आलमगीर.djvu/२००

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बारपुर मुर नायव विवाहै। इनमें कोई कमी विरासत में भापत्रक तर पाना एक उमरा प्रम या पोर इससे हुवा श्री बाम मोर निमरी बारिश होती है, मगर इससे मी पारा समदा म मापन पापस व पाना होगा, जिससे प्रापपुरमन शाहनवाद प्रम प्रापक सिताफ मर र पाप मामी न मगर भाप अगर इस बापत तरारीले पाएंगे तो मैं पोर भियंका पारा परहिवामी पहात होगी, समलिए सबिर रोगे।" बाबा मुनाएर एमा घर सोरवा या सिर उतने पोरे "al arm, ग्राप पात पुनर मुझे पती मनोहमां- बाकर मैं राश मार की नको हसा करता है। पर मेये गाल से मामे भी दमाम हिन्दुस्थान में माहिर है। परन्त अप, AR भापतिमा दिखा कि मेरे बानिय बिदा मोवामुपस ६, में पारस पाने को तैयार है-गा कि प्राप शो नोहर, इसलिए मैं चाहता निशाना साना परमार भाना सरर पाये हय से। मैं मारसे वादा करता मुके प्रार सुपर निशमे परतर ही मैदान से दूर देखगे। ऐठा कामे से सोय बहन पतरेमे किएधार र माग गया।" गारको सिममररिहेर माँ ने ऐज हो रमेशरपन रिया। उकास ऐना मोर से शाई ने कर दिया गया। समईसयोपोर बोनों भोर सैनिक निराय हरा सपने बगेरे परस्पा मे पाता है। मिनो यार बिसवानर सेनापति थे। उनि गोदी रिसोबाते सुनी हो रहा-शायरा बाप रे राजपूत के साथ पारी चाल मा चारते है नाप बनन पीपेसोरठी प्रेकपा महाग विध! मैं वो मएर मापा है। "मगर भार 1