पृष्ठ:आलमगीर.djvu/२६८

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शह-माव पौरपरकीरी पैनी से मरम्प मुमतान रेजिमे तोरने बीपीचा रागा। पर उसके मन में रह रहा पा निश्री पर नगपुरात पास अपने सदा से मिलवाय, या न परे। पापाय पर मोर देखता और रागा पा समषित अमीर एवार साये पुरावार रस या पर रेस हापा। पौरगर मे प्रवीर होकर पूछा-मागमा १ मुहम्मद मसखान पाने में देर होसी।दिन हो गए। मामले में गामा 1 गया है, या माम्मद मसवान ने गा की ein "दीमों री गत मामुमति" एवारा ये पोरे से पर। पौरंग ने सेरपर रेला और ऐमैनी से जीये में यमने लगा। एवी समय एक गुहाम मे मुहम्मद मुबान पाने की का नेपा-- "बाद, गारमा मुरम्मर मावान और भाए kpr "वोतोपामा" गुलाम बना पा और मरम्म मुजवान ने भाकर नाम लि। "चारियों मिकी । की," उठने पारियों पोरंगो परी में गल । नाना " "इस्म के मुवारिक परवाह रो रसपर अपनी सीमार लमा tin “सराहे पर-न