पृष्ठ:आलमगीर.djvu/२९२

विकिस्रोत से
यह पृष्ठ अभी शोधित नहीं है।

मुखेमान शिर्षया भनाय कामाचार मिला औरंगजेब मी ही मिर्च थमा बम सिंह और दिलेर सोमिनपुर। मोरंगजेब पर पावर मि राबावर हि विचार में पा गए। शाह और दाग को ठीक-ठीक दुरंगा लेगान न था। शादी वानरान के प्रादमिमो और थारपदों पर पाप तठाना र राज में अक्षम्य अपराध मुगल मावि देबानवे मारे सिवा इमान शिशे पराहम और सास से मी या पति पे। पापार मी धनते मेशियारमादा मामानी से अधीन नहीं होगा। सोच-समझ र उनहोंने अपने मित्र दिरों से समार-मपरा पिरोनों ने गमगाती मुगल सम्मकी नामी तम्ची परिस्पति पर विचार किया। कब लानगी सारे समय में उनमे भारत में भैस-पार भी किया। दिर महायज मोमान शिबीमे में पहुंचे और मा- शारदा, माप विसपरनाक हालत में पा पड़े, ठसे पारसे विा रखना हम मुमादिनी समते। अब पारेको परिणति मी । शबात ऐसे बदन मर इस बज प्रापग्रेन दो दिर कों पर भरोसा करना चाहिए, म दानों पर मप्रफ्नो पोम पर । मामाप अपने मासिद की मद मे अपर भागे बदंगे का पर पवा हाएंगे। सिहावा मेरी मापने पाव बाप मार-मार मदमात पाडो ओर बहेपा और बहार प्रथा प्रभाव में मुझे मामा माप प्रामम देगा । स्थान दुर्गम होने पोर प्रोग्राम में इस पनेरे अरह पर गौ पाँच मीन तमा। माप पहाँ पर बसवे ए हालात ) रेस और बर मौन देव भार अपनी बामदा और बदारी दिलाएँ पाते पीछागरे पाय रो पपा प्रौर पर ममम गरा दिअपने मोफने गए। पर मी मना किया