पृष्ठ:आलमगीर.djvu/३००

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भा। युम्भ की शामत सवा भरतर पर उपाय न तार। जब उसे धोरंगमाम्म पवा गातो उसे पा मग दुधात कही ऐज न होकि मीरहना मारे बर पिसी दूसरे पार से यया पार कर पीठ पर बा पहुंचे और उसमग बोरना होमसोपार। इन सब बातो परमसीमावि पिपार Rपा साहाबाद से हट र पनारस और परमा दोण हुभा मुंगेर में मुभम मुंगेर येगा तट पर एककोयता र पा। उस समोर पहार और दूसरी बार सपन मन और नही पी। सैनिक सेवा बगाज पर उमा भावा पापा उसने दमा स्थापित किरा और नगरवमा नदी के किनारे पर एक गारी सासुरवायी। भागमा के पाटकर मीरामका की कार में बेठ गण। पोपी-सी शाही सेना प्राई बिसेमा पमा दिन तक रोपेठा । पर पप तसे या सूचना मिली किरस सेना में मीरममा मही, बासिनोमेरे लिए मेवी गई थी। मीरममा सागपुर के गया पारोची मदद से अपनी सेना साप मुंगेर कि से विष की पारियों और गजों में होकर उसने पीठ पर पभो। पा सुनते ही एक वाहिमर्मजोर रोग और उम्मे पर एक दीवार बमारपाकी समी पारी मार्ग रोक लिया। ये परिश्रम भोर असे नाई लाई घोर देमी पड़ी। मुंयेर और राबमा बोष ममा ईरसार गई है, फिर भी यूव कर उठार गुणा मीर इमछा से प्रथम दी गबमात का पहुँमा घोर वाँ अपना मोबमा दिया। मौग्गुमला भोर मुरम्मर मनवान प्ररने बाएँ हाप पर अमेय दुर्पम और मपानर मामों में पार करते हुए लिए गंगा मोर पसे विसरममारी दोपताना और सेना बा मार्ग से भासीको। ठमाण सेना पर मे वने वीरभूमि और पनयर के अमीदारी भी मिला हिया था। ममी ने की दर पर पाए ये किवादी सेना में श प्रसार स यई कि अमेरीबाई