पृष्ठ:आलमगीर.djvu/३१४

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विचारातीष में २६ पाने सदर वो मुझे और मेरी बेटी साराईपन तौलियाँ बनना पकेगा। ऐसी नदी श्रीमाव होगी, जिसे मालिया सानदान कमी गवारा नकरेमा । गरे माहिया वारान! बातदेयम और उसको ही सून मए रिमा ने गेरशाह से हार कर ऐसी ही पापा में पारगन सरपती मी, तर सधी बेगम भी उनकाय पी, पारगर में उसकी मराभमुल ही मनायी। भर गये अपने एक पुरमे करार पार पठान सरबर बीवन का पार पाई। विनम्र र निष्पीमा । पर एक पर पानोर प्रतिवर्मी सर या। सबनी और धिोपरा में उसेोबार शासपी पवन देने पर दिग पा और दोनों बार दाय मे सब माय की रक्षा की। ये सोपा कि उसका सिगरियो साता मिस पाय तो जल को, बिसे मोरवाया मेरे पापा में से मोर गायो सामाना उससे नई सेना मी करके माग्यो परीक्षा करे।पार तबार बाबाय। जन पामे की भारतीय सीमा पार से नौ मीस पूर्व में स्थित सदर या मारी योनागाणा पी बिरोबार किसने उस प्राधों की बाकी हैरतके प्रति बीवन विता माकरेगा। बीपनको बानेभ नाम सुनकर गिरी गत पराई और मोती-तापरबाना ठीक नहीं है। गम और यात्रादी सपा उसपुर सिपर सिमे उसके पयो पर गिरमा-पर मा बारपा पठान माना गया मण्याने यह भी समय किन परे श्रेमिमा ग्याए और nिt- मामोरे मी भापपरपह, पापम माता