पृष्ठ:आलमगीर.djvu/३१९

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मासमगीर अगर ऐसे 3 से 5 गुना प्रापर होवा दो तो मा मेरी गर्दन पर हो" इस पर पारगार मे मौलाना पोर हाफियों से पता मोपा, सपने एसर से पचा विश-"खाम सिताफ मरने वाले को बाए मीत तो मिलनी चाहिए Pr प्रापया मे पारा की मौत का मान बारम्पया मितपर बादशाह से बनमार पाने वाले इन धर्मगुरानो मे रस्वतव पदिए । मादाय सा दरबार स्व हुमा और पापा मोरगा शरिग मातोस प्रम भवामा और गोमतर-सा पीरे-धीरे मामय में मगा। उसी रावसातपुपरखाने में दाग और हिपर-शि बैठे चूने पर राम परोपे कि गुलाम नार वेग, पार गरे गुलामी मापनगी नारे लिएमारी में स भावा! नमें देखते ही सरा मे सिर गिभा से का"को बेय, प्रतिक मा गए ।" या पार पाएर बर्वन मार न मोर सपा। परम्नु उन परावर गुलामों में उसे परती पर पररिया। पौरासस मिपर गिभेद पिता से लिपर रोने लगा। इस पर नार मेग मे उसे बीयर प्रमाबर हिरा और ती समय एक गुलाम मे सर से दाग तिर पर सिमा । तुरन्त उत तिर को पोर सिटकते हुए विपर- गिरको लिप.हुए-ब से पह दिए । नाग मेधावी पाली में पारशविर और वामने पेश किया तो उसने उसके पर प्रसून होने काम दिवा। बरसे मतीमा सिनिमय दोगमा किमागभी सिर है उसमें पोलों से प्रौद निमा परे पोर पाप महते हुए उसने मा-“बाप"फिर उतने मा-"प्रपा इस परनगेय पक्ष पो मेरे सामने से से चमो, और शायदापी पर MR यर में सुमामो पिर मामबारे में नरद ऐसाद मिसा गया।