माजममीर पर पड़ी और मुरादप से पा वगानमारा बापता। सो समयमा मगर उस पर टूट परे मोर उठीबगर रमे शुभरहे। शुआ की समासि म त गुमारी मोरामेन भएर राप सा पा। उसने पपपि मम सिया पारिऔरण वामनाना समय माँ। मौरजुमला मे, बिसे बराबर सैनिक वाताएँ मिहतीमा सीधी उसे पारों पोर से घेर लिया या पोरा बनाने लिए दादीपोर माग गया भागात का सारे दर पर अम्तिम मगर है। पाम्नु माँ मी उसे परप नहीं मिली । पाखरे बमीर तक विपर उठ खरे हुए, वरपा दावा ओर हमार्य से उमरी भोर पहा । दामने पो दिन बाद प्रगमनमा बरगांव के पेदार मे उसके पास एनयन ना मेगदी पी। मग उमेगास बीतने तनिक भी प्राधा म पी। परमादित कररेमसम्म मेमरे में बामे ठप हो गया। उमदत परेबानते ही उसके कुटषियों और अनुपये में कापम मच गया। परन्त एप ने पोर प्रोबायों में पड़ने की प्रपेधा पही ठीरममा मोर अंत मई १९९.प्रेमा समाज कोररोगा पीठ पर्व के भी अति पावन पर पुष पा, हमेशा के लिए बना दिया। प्रगमन सबसपात्रा में दर) साप मुलगा प्रतिनिक मल पासीत प्रारमी मोर । समा पार पाने के लिए उस पाठ २ वो बागदी पे, गया यो पानवा पारिप बाने उसकी रपा होगी। अब उग्ने भरने पुष जवान पीपरापान के बारे पाठ, का मेगा प्र राय
पृष्ठ:आलमगीर.djvu/३२५
दिखावट