पृष्ठ:आलमगीर.djvu/३२७

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पालमगीर पस लिया गया। उसने मुमकिपा-पर उसे पिर पथपानी में नापा गया । मुलतान परी ही वीरतापूर्वजा, पर उगमोने उसे मपर मार-मार सोपान कर दिया । एप बेगम और सम्मिों को भी कर लिया गया। उनके नाप गव निर्दयता की गई । मुबवान पुमा कर दिय पपा । उसी को लागी से परा मे विकार पर सिमा । तुषवान गी ने प्रबहर पाइर फिर एक परम (पा, को मुन मण। इसर गया मे होकर इस समूपे गम-परिवार से वसागर के पट उतार दिपा । पर्ने तर गुमा पाबर-पिता साप या मे विवाह कर लिया था और प्रब गर्मली थी, निर्दयता पूर प्रम पर दी गई और उसरे मालोसपा मुशवान पारि कुरा से भाग गए। भाखिरी शिकार प्रग्ने म मालों पर विद्या प्राप्त कर सम्ठ में मौलाना पान माहीन बारा रे प्रमागे पुष गुहेमान शिक्षा प्रार गया। उमम पदनान के गमा पर पाबाना मेवालयामारणारा दुसरा में मेरे । पर पूना गा मागतका उमो शत्रुको नामको गगी न हुमा । फनव औरहने मे रामा पर बदाभागा दिया। पर गधा मुक पुष अपने पिता रामसरे से पाने के लिए सारेको पौरतको और मेक) पमी हो गया। पर यारा समाचार मिना ताबापते पहा पार कर मरास पहुंचने की पेश करने तमा। पास उसे पा लिया। प्रारम- मारे लिए पुरा पाया मी प्राठिसे अन्त में प्रौरान परि मा।