पृष्ठ:आलमगीर.djvu/७४

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५६ आप अपने सर में। बाप का दिल पसीज गया, उनमे देम के दानो में करा- "मही पानेमन, थमने कभीई शिप्रयत की बात रेनी" "पुनर, मैं कस करती किलो पर हुमा तास महरबानी "मेर anो, किसी पर असम में पद हो सकता है, छम ठसे समझाम्रो "उनने मार दाना बोर दिया है, बमोन में मुकदर पड़ी, वसन दिमाग फिर गया है, वह मरावी नविशावी, पागल सगरे हुना, उसके ताममे बावे रसगता है।" "परम्मा परी पारी मेम" 'बाना, पितो औरत पर बिना इस्म लिया वा साया था हो सुधार गई। मलिलो बनी बीपदी में मसन गनी गई। सोम" पेगम पुरधार नीपी गइन कोहगई यार भी मदर चुपचाप भलि मीथी किर पेठे रो। रि उहोंने प्याकुल वा "मई यस्ता बानी पारी बेगम" "गरिनार, मुझे वो अपनी से निक, रखन मरे पिए में ऐमो-ऐसी बाते मुंह से निकालो कि मेरा सोगों (दिताना मी मुमति महीमा माह, मैंने बारे काम में इमर की मदद Ma(रिरकर यमे सगी । "ही अव का विनार रापम, प्रसार में पापा अमरावा " नीरनार, मरीश परtr "दारिगामसामति प्रपात