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पृष्ठ:आलमगीर.djvu/७८

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पिवा, दुबी और पुत्र "एको नाम " "मलन- "सतील ता, बफर तो शास्ताखा, मार मुस्ता । मोर मी पर जिनकी औरतो भए ने समव सूनी है।" बारया कोप से थर-थर कापम लग । उन्होंने कहा- "परदार बगम, मेरेदी पर मरी बदनामी न। मैंने अरें और दागको तमाम सस्तन मालिक बनाया हो इसलिए मदी, कि मुम मेहद तोहीन " "हुनर म कोहीन नही पाती, सरसी बात भी है। हर का तम्स गमगा । ९० ग्रोपी माने वाली है और हुजूर मार , सरदार प्रना मराय" "तुम्हारा बागम" "मा दरबारात में का रुप धार परम बात है उस पर एकबार फिर गौर र सिसाबा" "अप्डी बात है। नुम क्या पासी, पर साफ-साफ र मुनायो। बेगम इवाने की सारी परमी यो मीर मे मायाम लगाई कि बालिए-सात मालमनाह दागधिर वराला बाहर गम गई बारणा मेला- "मादा इमा, दाग मी मा मया । बसमावो पर टीचर पर सोपरियार र विपा बापना 1" गामे पार परि.पामधले व बाद मुर टीन बार मोनिशो, पिरम प्रागदाग तजाम रिकाराम दरबार रेशमा सामा। पादियौर पर देम में बादाय में विारे प्रतिवनी भता भोर सम्मान मार प्रसारित या, पर गुस्से में उस पग सातदोपरापा भोर उस मास में बह पुर। उन एक