पृष्ठ:आलमगीर.djvu/८७

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मालमगीर पी किन होपामारों महा पर्या,बोकिने सामने मैदान में प्रापर मिले थे, एक हीपा और मस्त गार बाँदनी और पापो से मगमग बीसवीस यम के अंदर से प्रारम्भ पर तीमा पिलम था में साविक पहा पाता पा! भागार के दोनों भोर महराबदार पाने की कोई भी बनी थी सपा एक मबिना दी थी। इन दुकान के बयम प्रलग-प्रसग पे और हलो 1 में दीवार 471 ही बैठन म्यापारी अपने-अपने ग्राहकों को पराते थे, और मानसमा दिसाठे ये। बरामरों के पीछे धन के भीतरी भाग में मालसा रसापा गठ बरामरे का सामान भी उठार ही रस रिमा बाता था। इन पर मापारियों गने पर पेबो सदर प्रतीत होवे थे। मगर महीने में मनसबदारी, सचिमों और बनीम्पारियों की सखियों की। बाको मुखमा में गई मी। बहुत-सी होसियों में मोर बगीचे। सेबी मानो पारपास पहुच मधन पास-फूस थे, जिनमें लिदमतगार, भपर, नानपाई मादिपते थे । -रेममायके मान नीयिरे शरगार येथे साशाया, ठपणे, हवादार और मायमरहने। उनमें बाग, पेड़, सेब और रामान के पपा बाटे-से फमारे और नाबामे मी थे। उनमें बडेपो पवे नोएबिनमें सपकी यहि समी थी। बनपर गुलाम मोर पानी दिये। 'पचार धानों में मिले मय थी, परमीना, मसाप, परीक्षार मपरीत और रेशमी कमर मरे । कारति मेरो दीप पा, पिसमें ईरान, मरम्द, परत, मुत्तारा रे मेराराम, पिस्ता, तिमि मेरे,'यस्वालू, और मोति मावि सूखे समोर सर्व श्री में सिपरे दिया अंगूर, नारापाती, सेब मोर सदै मरे परे । नानगई, ला, कसाइयों की में गचा-मली थी। विरिया