पृष्ठ:आलमगीर.djvu/८९

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UY भासमगीर रिताले पदमा पा। पर ममसबदार एक भासमा प्रति अमर मा वा। उसका ए प्रपन्च गोय, माँ काली और पमदार तमा पर पुपरवाले थे। पर पम्प बटिव पाया पहिने था-भोर बनगवा मासा अपने रिवाले भागे-भागे पक्ष गामा । उसोडा मी प्रत्वम्त पवन और बहुमास पा। वास मह वस्ती सुन्दर मनबदार नबापत माँ मा, बागा बसला मवीश और मुमारे भ पादमादा मणर मा और मारणार या मपापा मनतमारा। इस समय माप से प्रभीर उमरा पौरनी पौरकी सैर निकले ये। इन अमीरों के ठाठ भो निराश थे। किमी ताप तबीस, किती गप इस से भी अधिक नौकर पार गुलाम पेन दोर से। अमीर बोने पर समार तुमाते, पोरे-धीरे पान चरते हुए प्रकारचली। कुछ पनवेपत्तो पेषमान पर भारी वातीच। हाव-साप लगाव गा अपनीम की पर्यो हापोशाप लिए और रोपे। गुप्तामों में किसी के पास पानपान, किसी के पास उमानपान, किसी पासवान था। सरदार श्रीपाद वलपार लिए पापा और प्रभार प्रमीर काबोमात्र हाया। परन्तु ये अमीर पारे मित शाम सेवा से स्पोपी बेगम पाली मनी नगर में पायी जना शान बापाठी । मोर्चा होता तरम्त पो से उतर कर हा एकोने में अपने प्रारमियों सहित पर अब से समायो पावा और पास की मार मार दीन बार अनिय मता) जिसपना त बेगम पाम मीवर दीपावी । इस पर बना देने के लिए हायरदार पावसाय पम गा मा पा एक प्रभार से पियोर बगा। अभी पूप वाला उतरे मुह पर प्रकट नरी एमाया। सकुमार मुन्दर और बीमा गोर बा । स्वप में पायावारीकी उस्तानी भय