पृष्ठ:आलमगीर.djvu/९६

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देयमी वारदादरी पापा पा कि बदि दानो सानसानों में रिश्वा से वार को या पुरानी राता मी बावीरे। पम इस यारी में एक बाबाएँ थी। प्रयम हा बाराही पापारी करने में पीनी । उनै उनलेवाले शारख्या सों ने खममा दिया था कि यदि यह पारीपर दी गई तो प्रारमही नगरव वा शारदारों भरा देना पडेमा। किस समय बाहर से प्रतिमा भी रखते। हिर मामास से कामे मो मी समीप मोर सरे यबनविष पाम बनेरी । परनु साहेबही पाषा परी शादी उस रि राबा री बाम इसी बी। ठन दिनों गापूने से मुफ्त सामान में रिश्वे होते हैं। प्रमी अनेक योमेरियो मुगत हरम में पाई थी, पाम् भी मुगल मारवादी विसी गपूर्व पर नी या मी। अब र निम्मेदार गवत सदर भएम-शा पादी कर के पास में एक पायदा को हे माना गत रीठिन और प्रयाहार्य पा, तर मग पर अपरेका ऐस ये किबो-दिगम मुफ्त शारवादियों के लाममे मी उठी आप ना पाता पा से भारगाह सामने । ऐवी मे इन शादियों में पुगत समाप में भी कमी मा प्रथमी, मी हावा यावा यापरन्द्र पीठ की भारी भावना निमा यताइन बातों पर फिर विचार नही बिग बावा या कादरी इस सपूत प्रेम में दोपानी थी। और यह बात मावों और साह रोनी ही पानठे थे, इगे से ये एक दूसरे में सूनी मोसो देखा। इस मामले में पता शिगूपा मी पापा पा साप, बेगम उरखनी महाप, बागमतापपरपन में मेहा या प्रशासन प्रमी बेगम से उम्र में कुषी मगा। परन्तु पम की मुरमत का दम मरता पा और अपने शाहबारे में कम न समस्या था। रतना मूर्त पाल गारपदी किनर और एका