लड़िका ऊदन अब नाही हैं जो तहँ रारि मचैहैं जाय १०
बातैं सुनिकै ये माहिल की आल्हा बोले बचन बनाये॥
तुम चलिजावों माहिल मामा तौ हम ऊदन देयँ पठाय ११
इतना सुनिकै माहिल बोले हम तो करब जाय असनान॥
करो तयारी ऊदनठाकुर आल्हावचन मानिपरमान १२
आल्हा बोले फिरि देबाते तुमहूं जाउ साथ यहिकाल॥
पै तुम बर्ज्यो बघऊदन को जहँपर होय रारिको हाल १३
इतना कहिकै आल्हाठाकुर महलन फेरिगयो अलसाय॥
करै तयारी ऊदन लागे बाँके घोड़ लीन कसवाय १४
कच्छी मच्छी हरियल मुश्की सुर्खा सुरंगा रङ्ग बिरंग॥
नक्खा गर्रा पँचकल्यानी सब्जा स्याह एकही रंग १५
चुने सिपाही लिये संग में जिनते हारिगई तलवार॥
सजा रिसाला घोड़नवाला लग भग जानो एक हजार १६
सजे सिपाही पंद्रासौ लग एकते एक लड़ैया ज्वान॥
बाजे डंका अहतंका के घूमन लागे लाल निशान १७
इन्दल आये त्यहि समया में ऊदन पास पहूंचे आय॥
हमहूं चलिवे श्री गंगा को चाचा लेवो साथ लिवाय १८
इतना सुनिकै ऊदन बोले बेटा मानो कही हमार॥
दादा भौजी जो रोंकैं ना हमरे साथ होउ तय्यार १९
इन्दल चलिभे तब महलन को माता पास पहूंचे जाय॥
हाथ जोरिकै इन्दल बोले मातै बार बार शिरनाय २०
हुकुम कराय देउ ददुवा सों आवों चाचा साथ नहाय॥
इतना सुनिकै सुनवाँ बोली बेटै बारबार समुझाय २१
पर्व दशहरा की टरिजावै फिरि तुम आयो गङ्ग नहाय॥
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इन्दलहरण। ३१९
