पृष्ठ:आल्हखण्ड.pdf/५६

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माडोका युद्ध । ५१ ३ सवापहर के फिरि अर्सामाँ ऊदन गयो मोहोबे आय : ह्याँ पनिहारी चलि पनिघटसों माहिल द्वार पहूंची आय ।। ॥ कही हकीकत सब माहिल सों आँखिन आँसू रहीं बहाय १० ईजति हमरी चहि लैडारयो बेटा देशराज के लाल ॥ गगरी सबियाँ चूरण कैक औचलिगयो जहाँपरिमाल११ सुनिक बातें पनिहारिन की माहिलजला अग्निकीज्वाला। कागज लीन्यो कलपीवाला लीन्हो कलमदवाइत हाल १२ शिरीसरबऊ को पहिले लिखि पाछे लिखनलाग सब हाल ।। चिट्ठी तुमका हम भेजित है सो पदिलेउ रजापरिमाल १३ तुम्हरे घरका जो चाकर है जाको उदयसिंह है नाम ।। सो चलिआयो म्बरि उरई माँ सबियाँ बाग कीन बेकाम १४ उधुम मचायो सो पनिघट में सिगरी गगरी दीन नशाय ॥ कबसे ऊदन मे तरवरिहा सो तुम उन्हें देव समुझाय१५ टॅगी खुपरियाँ देशराज की राजा जम्बा क्यरे दुवार ।। बड़ी वीरता जो आई हो माड़ो करें जाय तलवार १६ लिखिकै चिट्ठी सो माहिलने धावन हाथ दीन पकराय ।। साजि साँडिनी को जल्दी सों धावन चला मोहोवे जाय १७ तीन पहर का अरसा करके फाटक उपर पहुंचा जाय ।। बेठि साँडिनी गै फाटक पर धावन उतरपरा तहँ आय १८ चलिभो धावन फाटक भीतर जहँ पे बैठ रजा परिमाल ॥ कीन बन्दगी महराजा को पत्री देत भयो ततकाल १६ फारि लिफाफा को जल्दी सो पत्री पढ़त भयो परिमाल ।। लिखी हकीकत जोमाहिल है सोसवबाँचिलीनत्यहिकाल २० कलम दवाइत कागज लेके उत्तर लिखनलाग परिमाल ।।