पृष्ठ:आल्हखण्ड.pdf/६०

विकिस्रोत से
यह पृष्ठ अभी शोधित नहीं है।

जम्दै राजा माडोका युद्ध । ५५ माहिल आवाहे उरई ते त्यहि भुरकावा पूत हमार ५७ सोचन लागी मन अपने माँ अब मैं काह करों भगवान ।। झूठ बतावों जो लरिका ते तो यहु चाँडै अवै परान५८ सत्य बतावों यहि लरिका ते तो यहु अवहीं करें पयान ॥ मोहिं पियारो बघऊदन है प्यारो नहीं आपनो प्रान ५६ साँच वतावों में ऊदन ते यह मन ठीक लीन ठहराय ।। जौन विधाता की मर्जी है होवे स्वई भागवश आय ६० यह सोचि के मन अपने माँ द्यावलिकहन लागि सबगाय।। माडोवाला त्यहिका पूत करिंगाराय ६१ सो चदिआयो अधीरात को मारयो बाप तुम्हारो आय ॥ चचा तुम्हारे का सो मारा दशहरि पुरवा दीन फुकाय६२ लै पचशब्दा गा हाथी को पपिहाघोड लिहेसि छुड़वाय ।। ल खापतुरिया हार नौलखा सब लैगयो करिंगा आय ६३ मालखजाना परिमालिक का सोऊ सबै लीन लदवाय ॥ विदति मचायो बड़ि पुरवामाँ , बहु दहिजार करिंगाराय ६४ चुरी उतारयों ना तबसों में मनमाँ यह लीन ठहराय ॥ पूत सुप्ते जो कोउ द्वैहँ लेहैं दाउँ बाप को जाय ६५ चुरी उतारों तब सागर में यह म्बरे मनै गई तब आय ।। जन्म तुम्हारो तब भातोना पेट में रहो बनाफरराय ६६ बरावरस की गरी स्वरा या त्यहिते मोर प्राण घबड़ायें ॥ बादो बाड़ी फाइल बीते बदलालिह्यो बापको जाय ६७ सवैया ॥ बात सुन्यो यह मातु मुखै तबहीं बघऊदन ने ललकारा। जाय हनउँ गढ़माड़व में मयँ जम्दै गकुर केर कुमारा।।