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पृष्ठ:इतिहास तिमिरनाशक भाग 2.djvu/२७

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दुसरा खण्ड


चाहा था और आप कुल मुरझार हो गये थें राजा चेतसिंह का वकील उन मिम्बरों के पास जाया करता था। निदान हेस्टिंग्ज़् ने लड़ाइयां पेश होने के सबब फ़ौजख़र्च के लिये राजा से पांच लाख रुपया साल तलब किया। राजाने बहुतेरा कहा कि बाईस लाख का अहदनामा हो गया है लेकिन कमज़ोर की कोन सुनता है राजाको उसे साल पाँच लाख देना ही पड़ा। दूसरे साल इसकी तलबो के लिये सर्कारी सिपाह आयी राजा को पांच लाख रुपये के सिवाय सिपाह का खर्च भी देना पड़ा। तीसरे साल राजा ने इस की मुनाफ़ी के लिये दो लाख रुपया हेस्टिंग्ज को कलकत्ते में अपने वकील के हाथ तुहफ़ा के तौर पर भेजा। हेस्टिंग्ज् ने वह भी रक्खा पांच लाख भी लिया। ओर लाख रुपया जुर्माने के नाम बसूल किया। सन् १७८१ में पांच लाख के सिवाय पहले तो दो हज़ार लेकिन फिर एक ही हज़ार सवार तलब किये। राजा ने आधे सवार आधे बंदूकची पियादे तय्यार किये। पर जब हेस्टिंग्ज् इस पर भी राज़ी न हुआ। राजाने बीस लाखनज़राना दाखिल करने का पैग़ाम भेजा‌‌। हेस्टिंग्ज़ ने पचास लाख तलब किया और बनारस की तरफ़ तरी की राह से रवानाहुआ। राजाने बक्सर में पहुंचकर पेरों पर पगड़ी रखदी लेकिन हेस्टिंग्जको दिल इस पर भी न पसीजा। बनारस पहुंचकर शिवाले परयानी जहांराजा ठहरा था दोकम्पनी तिलंगों का पहरा भेजदिया। राजाने इसपर भी कुछ सिर न उठाया। लेकिन राजाके नौकर अपने मालिक का कैद हीनासुनकर शिवाले के गिर्द घिबराये इस हुजूम की खबर पाकर हेस्टिंज ने दो कम्पनी तिलंगों की ओर भेज दी । राजा के आदमियों ने इन को, अंदर जानेसे रोका कपतान ने ताप सर की, बलवा हो गया तलवारें चलने लगी । एक सर्कारी चोबदार चेतराम ने राजासे बड़ी बेअदबी की कहने लगा कि यहां एक र सिपाही गवर्नर जेनरल हे अगर तुम्हारा कोई आदमी ज़रा भी चूंकरेगा तुम्हारे और तुम्हारी रानियों के घरों में रस्सियां बांध कर सरेबाजार खींचता हा