पृष्ठ:इतिहास तिमिरनाशक भाग 2.djvu/९९

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दुसराखण्ड


क्यों न हो उनकी विद्या योग्यता और दियानतदारी के बमूब जिब जिन उहदों का काम कि वे हमारी नौकरी में अनजाम दे सके उनको बे रोकटोक और बिना पक्षपात के दियेजावें।

हिंदुस्तान के लोग धरती के साथ जो उनके पुरखाओं से उनके अधिकार में चली आयी है, बड़ी मुहब्बत रखते हैं यह बात हमको बखूबी मालूम है और हमको इस बात का बड़ा लिहाज़ है और हमको मंजूरहे कि वानिबी मुतालबे सर्कारी अदा करने पर उनके उस धरली के सारे अधिकारों की रक्षा करें और हम हुक्म देते हैं कि कानून बनाने और जारी करने में हिंदुस्तान के पुराने अधिकार और दस्तूर और रीत रसमों का उमूमन ठीक लिहाज रक्खा जावे।

जो आफ़तें और खराबियां कि हिंदुस्तान पर उन फ़सादी लोगों के कर्तब से पड़ी हैं जिन्हों ने झूठी झूठी अफवाहों से अपने देशवालों को बहकाकर उन से खुले बन्दों बलवा करवा दिया हमको उनका बड़ा अफसोस है हमारी शक्ति तो रण- भूमि में उस बलवे के दबाने से प्रगट हो गयी अब हम उन लोगों के अपराध क्षमा करके जो इस ढब से बहकावट में आगये लेकिन फिर इताअत की राह पर चलना चाहते हैं अपनी दया प्रगट करते हैं।

इस बिचार से नि अब अधिक खूनरेजो न होवे और हमारे हिंदुस्तान के देशों में झटपट अमन चैन हो जावे हमारे वैसराय और गवर्नर जेनरल बहादुर ने एक इलाके में जिन सब लोगों ने कि इस दुखरूप बलवे में हमारी सर्कार के विरुद्ध अपराधकिये हैं बहुतों को उन में से कईएक शर्तीपर अपराध लमा होने की भासा दी है और जिनके अपराध कि क्षमा होने की पहुंच से बाहर हैं उन्हें जो सज़ा दी जायगी वाह भी ज़ाहिर कर दी है हम अपने वैसराय और गवर्नर जनरल का यह काम मंज़र और कबूल करते हैं और उसके सिवाय.. नीचे और भी हुकम जाहिर फ़र्माते हैं।