पृष्ठ:इन्दिरा.djvu/१३४

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इन्दिरा ।

चहा चिहानमुना जीसो का गहा गया है सदन थन चूको।" ल पर हस्ती को चोर सभापक महाशया घायल हो गई और अन: के ऊपर आकर कहने लगी- तू कस को छोरोकर रहा " सामनी में किया पर और कोई तुम्हें भूरती की सानी देनेवा है। इतना कह र शामिल भाग और मैं भी पा से चंदई । फिर एE AT: जाकर कांका और देवाशिमहल को और प्यारी बीवी-जाही कम पैंसठ बरस की उस प बरस रंड वर सारे अंग गहने और धांध पत्रिक कर राधिका बन आई हैं और मेरे प्यारे की ओर देख र "कृपया कहा है : कृष्णा कहा है ?" देरी ई अली जोजी : क्या हो रही हो।" उन्होंने कहा-"अपने कृष्ण को ढूंढत " कामिनी बोल उठी माले के घर जाकTTE TEEN चुलबाजी में तुरनो जीजी बोली-.-"मेरे कृry arewa के घर में हो मिलेगे।" कामिनी बोली- क्यों वही जीजी! क्या समो जाति खोगों ने अपनी जाति दे दी है।'