पृष्ठ:उपयोगितावाद.djvu/९५

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चौथा अध्याय

के लिये कोई वस्तु उसी समय तक इष्ट है जब तक कि यातो वह स्वयं सुखद हो या सुख पाने अथवा कष्ट दूर करने का साधन हो।

किन्तु यदि यह मत ठीक है तो उपयोगितावाद का सिद्धान्त भी प्रमाणित होजाता है। यह मत ठीक है या नहीं--इस बात का निर्णय हम विचारशील पाठकों पर छोड़ते हैं।