पृष्ठ:उपहार.djvu/१०

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स्वतन्त्रता की मांग की आनाज को भी यह हमारे कानों तक पहुंचा देना चाहती है। इस संग्रह की अधिकाश कहानियाँ इसी विचार विशेष को ध्यान में रखकर लिखी गई हैं। परिस्थितियों का चुनाव, घटनाओं का फ्रम, चरित्रों का चित्रण और वस्तु का विन्यास प्रधानत इसी लक्ष्य को पूरा करने के लिये हुआ है, और कहानियों को कथावस्तु का निर्वाह ऐसे ढंग पर हुआ है जो लेखिका द्वारा उपस्थित की गई समस्या के हर पहलू पर पर्याप्त प्रकाश डालता है। प्रत्येक कहानी के भिन्न भिन्न चरित्रों, परिस्थितियों, घट नाओ और वार्तालाप को इस प्रकार निभाया गया है, इस ढग से उपस्थित किया गया है कि पग पग पर वे अपने प्रधान उद्देश्य की पूर्ति करत हैं। आदि से अन्त तक अपने प्रभाव में एकरस रहकर कहानी आरम्भ स हो हमें अपने अन्तिम परिणाम से प्रभावित करने लगती है। उसका प्राय प्रत्येक प्रदर्शन और प्रकाशन एक ही निदर्शन को अपना लक्ष्य बनाए हुए है। अप्रेजी में इसे Unity of Impres ston कहते हैं। यह संकलन गुण लेखक को अभिप्राय- स्थरता तथा कला कुशलता पर ही निर्भर रहता है।

इतमा सय होने पर भी यह सम्भव है कि अपने उद्देश्य की पूर्ति के लिए, अपने अभिप्रेत अर्थ की अभिव्यक्ति के लिए लेखिका ने जिन चरित्रों, स्थितियों, घटनाओं या कथोप कथन का उपयोग किया है उनके सम्बंध में पाटकों का कहीं-कहीं पर लेखिका से युछ मतभेद हो जाय। ऐसा हो जाना प्रत्याभाविकभी नहीं यह भी हो सकता है कि कहानी के किसी स्थल से श्रसन्तुष्ट होकर कोई निर्मम समीक्षक पह उठे कि अमुक वस्तु के अंकन में लेसिका को थधिक-