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पृष्ठ:उपहार.djvu/३०

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को देवता नहीं बना दिया। लेखिका का विश्वास है कि__

"The truest kinship with humanity would be in doing as bumınity has always done, accepting with a sportsmanlıke relish the estate to which we are called, the star of our happiness, and the fortunes of the land of our birth

उसके पात्रों के स्वाभाविक व्यापार में उपदेश-प्रवृत्ति हस्तक्षेपनहीं कर सकी है । लेखिका के सदुपदेश, नीति और धर्म हमारे लिए यन्त्रणा-स्वरूप नहीं हो जाते । वह उनकी ओर मधुर संकेत करती है। उनके प्रोत्साहन तथा प्रचार में यह पर्याय का प्रयोग करती है। उसकी कहानियों में उपदेश और शिक्षा ऊपर से ही नहीं दृष्टि- गोचर हो जाते । कोई भी कहानी उनके लिए ही लिखी गई नहीं मालूम होती। हाँ, स्वयं समूची कहानी चाहे भले ही हमें शिक्षा और सदुपदेश जांचने लगे । अगूटी की खोज हमें इसके एक उदाहरण का काम दे सकती है। फिर लेखिका अपने पानों को हम जैसा ही दिखलाकर पहले उनके लिए हमारी सहानुभूति प्राप्त कर लेती है, और जय उसके प्रत्येक पात्र को हम अपने में से पर समझने लग जाते हैं, तब वह उसकी दुर्बलताओ और उसके दुराचरण को दिखलाकर हमें हमारे अभावों और दोषों का ज्ञान कराती है। वह घटनाओं को औपन्यासिक अर्थ में, वास्तविक रूप देती है। उसकी यह यथार्थकारिणी शक्ति हमें सहज ही आकर्षित कर हमारा मनोरंजन करने लगती है । इस मनोरंजन के रूप में


G K Chestörton Simplicity and Tolstoy.