सामग्री पर जाएँ

पृष्ठ:कर्बला.djvu/३३

विकिस्रोत से
यह पृष्ठ जाँच लिया गया है।
३३
कर्बला

करने से, रियायत करने से आयेंगे । आप-ही-आप वे लोग आयेंगे, जो आपकी जात से खुद फायदा उठाना चाहते हैं। इस मनसब के लिए ज़ियाद से बेहतर आदमी आपको न मिलेगा।

यजीद-सोचूँगा । (शराब का प्याला) जुहाक ! कोई गीत तो सुनाओ, जिसकी मिठास उस फ़िक्र को मिटा दे, जो इस वक्त मेरे दिल और जिगर पर पत्थर की चट्टान की तरह रखा हुआ है।

जुहाक-जैसा हुक्म, ( डफ़ बजाकर गाता है)

गाना
सफ़ी थकके बैठे दवा करनेवाले,
 
उठे हाथ उठाकर दुआ करनेवाले,
वफा पर हैं मरते दफ़ा करनेवाले,
 
जफ़ा कर रहे हैं जफ़ा करनेवाले ।
बचाकर चले खाक से अपना दामन,
 
लहद पर जो गुज़री हवा करनेवाले ।
किसी बात पर भी तो कायम नहीं हैं,
 
यह ज़ालिम, सितमगर दगा करनेवाले ।
तअज्जुब नहीं है जो अब ज़ह दे दें,
 
ये ज़िच हो गये हैं दवा करनेवाले ।
समझ लें कि दुशवार है राज़दारी,
 
किसी का किसी से गिला करनेवाले ।
अभी है बुतों को खुदाई का दावा,
 
ख़ुदा जाने, हैं और क्या करनेवाले ।