तो मैं दावे से कह सकता हूँ कि उन्हें खींच लाऊँगा। लेकिन अगर तुम्हारे दिल कच्चे हैं, तुम अपनी जानें निसार करने को तैयार नहीं हो, अगर तुम्हें खौफ़ है कि तुम लालच के शिकार बन जाओगे, तो तुम उन्हें मक्के में पड़ा रहने दो।
हज्जाज़---खुदा की क़सम, हम उनके पैरों पर अपनी जानें निछावर कर देंगे।
हारिस---हम अपनी बदनामी के दाग़ मिटा देंगे।
मुख़्तार---खुदा को हाज़िर जानकर वादा करो कि अपने कौल पर क़ायम रहोगे।
कई आदमी एक साथ---अल्लाहोअकबर! हम हुसैन पर फ़िदा हो जायँगे।
सुले॰---तो मैं उनकी ख़िदमत में ख़त लिखता हूँ।
[ ख़त लिखता है। ]
हज्जाज़---इतना ज़रूर लिख देना कि हम आपके नाना मुहम्मद मुस्तफ़ा का वास्ता देकर आपसे अर्ज़ करते हैं कि हमारे ऊपर रहम कीजिए।
हारिस---यह और लिख देना कि हम बेशुमार अर्ज़ियाँ आपकी ख़िदमत में भेज चुके, और आप तशरीफ़ न लाये। अगर आप अब भी न आये, तो हम कल क़यामत के रोज़ रसूल के हज़ूर में आपका दामन पकड़ेंगे।
हज्जाज़---और कहेंगे, या खुदा, हुसैन ने हम पर जुल्म किया था। क्योंकि हम पर ज़ुल्म होते देखकर वह ख़ामोश बैठे रहे, तो उस वक्त आप क्या जवाब देंगे, और रसूल को क्या मुँह दिखायेंगे।
कीस---मेरे क़बीले में एक हज़ार जवान हैं, जो हुसैन के इन्तज़ार में बैठे हुए हैं।
'हज्जाज़---शायद शाम तक ज़ियाद कुछ अादमी जमा कर ले।
हारिस---अभी वह ख़ामोश रहेगा। यज़ीद की फौज आ जायगी, तब हमारे ऊपर हमला करेगा।
शिमर---क्यों न लगे हाथ उसका भी ख़ातमा कर दें, क़िस्सा पाक हो?