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कला और आधुनिक प्रवृत्तियाँ

बैठक में सजाते हैं या उसका अन्य उपयोग करते हैं, उसी प्रकार कलाकार अपने चित्रों को छोड़ता जाता है । यह उसका काम नहीं कि वह लोगों को बताये कि उसके चित्रों का क्या उपयोग है । न चित्रकार ही जानता है इसे,न जानने का प्रयत्न ही करता है । यह तो समाज का काम है कि उन चित्रों का क्या उपयोग है समझे और उसका उपयोग करे ।

उन चित्रों को देखकर या उनका अध्ययन कर हम जान सकते हैं कि अमुक चित्रकार ने किस प्रकार का जीवन-निर्वाह किया । कलाकार समाज का नेता होता है, पथप्रदर्शक होता है, इसलिए उसके जीवन के तरीकों को समझकर हम भी अपना जीवन उन्हीं आधारों पर व्यतीत कर सकते हैं और आनन्द की प्राप्ति कर सकते हैं । जिस प्रकार धार्मिक तथा बौद्धिक नेताओं की लिखी हुई पुस्तकें, उनका दर्शन, उनकी वाणियाँ, उनके आदर्श, उनकी सम्मतियाँ, उनके उपदेश जानकर हम जीवन को सफल बनाते हैं, उसी प्रकार कलाकारों के चित्रों को देखकर तथा उनका अध्ययन कर ।