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कला और आधुनिक प्रवृत्तियाँ

भीतर एक मनोवैज्ञानिक आधार है जिसका सम्बन्ध हमारी दृष्टिचेतना से है। किस विशेष रंग का कितना और कैसा प्रभाव है, इसका विश्लेषणात्मक ढंग से पता लगाना ही आधुनिक चित्रकार का मुख्य प्रयोजन होना चाहिए, जिससे वह कला के क्षेत्र में प्रभाववादी क्रान्तिकारी कला के वास्तविक स्वरूप का दर्शन जड़-चेतन सब को समान रूप से करा सके। इस प्रकार वह रंग-रूप के उचित संयोजन से अपनी कलाकृति में यह प्रभाव उत्पन्न कर देगा कि उसे देखते ही दर्शक अपने अन्तःकरण को उस रंग-रूप से रंग लेगा। दूसरे शब्दों में यह कि चित्रित विषयों के क्रोध, करुणा, शान्ति प्रादि मनोवेगों का हमारे हृदयपर तत्काल प्रभाव होने लगेगा और कुछ काल के लिए हम आत्मविभोर हो उठेंगे।

वैज्ञानिक तथा मनोवैज्ञानिक दृष्टि से भारतीय कलाकारों में स्वर्गीय अमृत शेर गिल, यामिनी राय तथा राचशु के चित्र उल्लेखनीय हैं।