पृष्ठ:कविता-कौमुदी 1.pdf/३५

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( ३४ ) हिन्दी भी है। उसका एक नमूना देखिये- कहाँ लगि लघुता बरनवों कविन दास कवि चंद | उन कहि ते जो उम्बरी सोऽब कहौं करि छंद ॥ हमारी सम्मति में चंद ही हिन्दी का सब से पुराना कवि है । यद्यपि उसके पहले के कवियों की कविता में भी हिन्दी के रूप की कुछ झलक दिखाई पड़ती है, परन्तु चंद की कविता में हिन्दी का एक स्वतंत्र रूप स्पष्ट हो गया है । - हिन्दी का पुराना नाम हिन्दी का सबसे पुराना नाम " भाषा " है । म० म० पं० सुधाकर द्विवेदी स्वरचित गणक तरंगिणी के ३३ पृष्ठ पर भास्वतो की भाषा टीका का एक उदाहरण उद्धत करते हैं । उसमें भाषा शब्द आया है । उसका एक वाक्य यह है-- "सो देख के वनमाली शिष्यार्थ भाषा टीका कीन्ह यह टीका सं० १४८५ की बनी है। तुलसीदास ने रामायण में ,, भाषा शब्द 'लिखा है- 66 भाषा निवद्धमति मंजुलमातनोति । भाषा भनित मोरि मति थोरी । पर उन्होंने अपने फारसी पंचनामें में हिन्दवी शब्द का उपयोग किया है। सं० १६८० में बनी गोरा बादल की कथा में जटमल ने " हिन्दवी ” भाषा का प्रयोग किया हैं। आज कल भी बहुधा पुस्तकों के नामों और टीकाओं में हिन्दी के स्थान पर "भाषा" शब्द प्रयुक्त होता है, जैसे भाषा भास्कर, भाषा टीका आदि । पादरी आदम साहब लिखित उपदेश- कथा में, जो सं० १८६४ में दूसरी बार छपी, इस भाषा का