पृष्ठ:कविता-कौमुदी 1.pdf/५६

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कविता - कौमुदी चंदबरदाई द बरदाई का नाम राजपूताने में बहुत प्रसिद्ध है । वह भारतवर्ष के अन्तिम हिन्दू सम्राट महाराज पृथ्वीराज चौहान का राजकवि, ***** मित्र और सामन्त था । वह भट्ट जाति के जगान ( वर्तमान राव ) नामक गोत्र का था । उसके पूर्वज पंजाब के रहने वाले थे, और उनकी यजमानी अजमेर के चौहानों के यहाँ थी । चंद का जन्म लाहौर में हुआ था। ऐसा कहा जाता है कि चंद और पृथ्वीराज का जन्म एक ही तिथि को हुआ था और एक ही तिथि को दोनों ने शरीर भी छोड़ा । पृथ्वीराज का जन्म संवत् १२०५ में और मृत्यु १२४८ में हुई । अतएव चंद के भी जन्म मरण का समय यही समझना चाहिये । बंद के पिता का नाम राववेश और विद्या गुरु का नाम मुरुप्रसाद था । वह षटभाषा, व्याकरण, काव्य, साहित्य, ज्योतिष, वैद्यक, मंत्र, शास्त्र, पुराण, नाटक, और गान आदि विद्याओं में बड़ा निपुण था, वह जालन्धारी ( जालपा ) देवी का उपासक था । चंद ने दो विवाह किये थे। उसकी पहली स्त्री का नाम कमला उपनाम मेवा और दूसरी का गौरी उपनाम राजोरा