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पृष्ठ:कांग्रेस-चरितावली.djvu/११७

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‘मर हेनरी काटन। १०२ नहीं किया जाता कि भविष्यत में भारतवासियों घो कोनसा स्थान प्राप्त होगा एक बार अपने सिविल सर्विस हिनर (भोज)के समय अपने देशबांधवों को इस प्रकार उपदेश दिया था:- "भारतवर्ष में यह परि- वर्तम का समय है। शासन करने यालों को जिनगुणों को प्रावश्यकता है उन से भिन्न और उत्तम गुण हम लोगों में रहना चाहिए, हम लोगों को उत्तम राजनीतक्षा दोना चाहिए, इसका अर्थ 'दूर दृष्टि से देखना और तदनुसार कार्य करना है ! इस रागय जो परिवर्तन हो रहा है उसे कोई रोक नहीं सकता। प्रतएप हम लोगों को उचित है कि हम इसी प्रयस्था के अनुकूल अपना पांध रग। हम लोग गयमेंट के प्रतिनिधि हैं हम लोगों को अपनी शक्ति का उपयोग इस प्रकार करना चाहिए कि अन्त में यह परियर्तन दमारे लिए मुसंकारी हो। यह कार्य केवल सहानुभूति, प्रेम और धैर्य से हो सकता है।" सर हेनरी काटन महोदय हमारी कांग्रेस के भी बड़े भक्त हैं। आपको विश्वास है कि कांग्रेस को इस देश से लाभ होगा। बहुधा प्राप कहा करते हैं कि यह भारत की राष्ट्रीय सभा है। इस में हर एक प्रान्त के प्रतिनिधि शामिल होते हैं । बड़े बड़े घराने के ज़मीदार, कौंसल के मेम्बर, लोकल योई और म्युनिसिपलिटी के मेम्बर, मानरेरी मजिस्ट्रेट यूनिवर्सिटी के फ़ेलो, व्यापारी, इंजिनियर डाकृर, पत्र सम्पादक, प्रोफेसर, वकील इत्यादि सय लोग एकत्रित होकर, राजनैतिक विषय की चर्चा करते हैं और प्रजा के दुःखों को सरकार से निवेदन करते हैं। हम ऊपर लिख भाए हैं कि काटन साहय भारत के शिक्षित समाज पर बहुत प्रेम करते हैं। आपका कथन है कि भारत में जो सबसे अच्छे लोग हैं वे एकान्त में रहना पसंद करते हैं। वे लोग अपनी विद्वता, शुद्धा धरण और स्वतंत्रता के कारण अपने समाज 'प्रकार का अद्भुत प्रभाव डालते हैं कि वे बिना किसी के कहे ही सब समाज के मुखिया समझे जाते यद्यपि काटन महोदय इस देश के शिक्षित युवकों से द्वेष नहीं करते