निस्टर ए० प्रो० मा (५): - . सिंह और छोटे का महेन्द्र सिंह । महेन्द्र सिंह संयुक्त मान्त में डिप्टी कलेकर हैं। - कुजर जोर मिंद-इटा के पाम परतापनेर चौहान क्षत्रियों का एक छोटा सा राज्य है । वे उस समय के महाराज के भाई थे। उन्हों ने गदर में सरकार घरेज़ी को बहुत कुछ सदायता पहुंचाई पी जिनके बदले में सरकार ने उनको कई एक गांय यतीर इनाम के दिए हैं। प्रध भी भरकार परतापनेर की इज्जन करती है। परन्तु वर्तमान राजा साहम मुहकम सिंह साहम का पाल चलन ठीक न होने के कारण सरकार : ने राजा को पदयो सनसे छीन ली । प्रय ये सरकारी पत्र व्ययहार : में ठाकुर कह फर लिखे जाते हैं। परन्तु सर्वसाधारण में भय भी वे राजा करके प्रसिद्ध हैं। सबलोग राजा के सिताय से ही उनका सम्बोधन करते हैं। ज़ोर सिंह के दो लड़के थे परन्तु दोनों का ही देहान्त हो, गया। वहीं को कृपा से महाराजा तेज सिंह मैनपुरी वाले पकड़े गए थे।.. मुनते हैं महाराजा तेज सिंह विद्रोहियों में जाकर शामिल हो गए थे। . राजा लक्ष्मण सिंह और कुंवर ज़ोर सिंह ने अंगरेज़ों के बाल-: यच्चों को बड़ी सावधानी के साथ प्रागरे पहुंचा दिया। यह उपकार यूम साहय के ध्यान में धना है । बाल बच्चे आगरे पहुंच जाने के बाद धूम साहय भी प्रागरे को फिर चले गए । जय ग़दर बिलकुल शान्त हो.. गया तय ह्यूम सादय फिर इटावे प्राए । इटावे के ज़िले में उस समय : पांच तहसीलें थीं। वम साहय ने हर एफ तहसील में अपने विश्वास- : पात्रप्रादमी निपत किए । राम साहम ने इटावा जिले का प्रबंध इम: प्रकार उत्तम रीति से किया कि ग़दर करने वालों को इटावे जिले का : एक भी सरकारी पैभा हाथ न लगा। ह्यूम साहय के सरल स्वभाव और : प्रजा के साथ उत्तम व्ययहार करने के कारण उन्हें विद्रोहियों की (सब: खबरें समय पर मिलती थीं। विद्रोहियों का दल कहां पर क्या कर: रहा है इस बात को वे अपने गुप्त घरों द्वारा जान कर : विद्रोह का सारा समाचार मरकार को बराबर लिख कर भेज.देते, थे। इस से सरकार को बहुत कुछ सहायता मिली ।। 3
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