३४ कांग्रेम-सरिताथली। की भय लज्जित हैं। ये अय अपनी भूल के लिए पश्चाताप करते हैं। फीरोजगाद मेहता अय तक मारमगामन प्रणाली के नियमों पर विचार किया करते हैं और उसके सुधार का उपाय मोचते रहते हैं। सन् १८०२ य १३ में, 'टायर माफ़ सायलेंग रायट फेस' नामक प्रसिद्ध फौजदारी मुफ़दमें में भाप ने फालत का काम किया। इस मुकदमें में आप के कानूनी जान पा यहुत ही अच्छा परिचय लोगों को मिला। इस मुफ़दमें में आप को यश प्रास हुमा । इस मुकद्दमें की दूसरी ओर मसिद्ध वैरिस्टर एन्स्टे साक्ष्य थे। उस समय एन्स्टे साहय ने मेहता घायत यह भविष्यत पाणी फही थी फि, इन्हें भयिष्यत में अच्छा यश और लाभ प्रास होगा। एन्स्टी साहय की बात आज अक्षर २ सत्य हुई। इसी प्रकार मेहता ने 'सूरत राइट फेस' का भी काम किया । इस केस के द्वारा आप का नाम बम्बई प्रान्त भर में प्रसिद्ध हो गया। इसी कारण आपको चैरिस्टरी का काम यहुत ही अधिक मिलने लगा। यहां तक कि आपको अपने काम से यहुत कम फुरसत मिलती है। बहुत से मुकदमें श्राप को मजबूर होकर वापस कर देना पड़ते हैं। काम की फसरत होने के कारण यहुत से लोग आप के पास से निराश वापस जाते हैं। जब कभी श्राप को किसी का मुकदमा कसरत काम की वजह से वापस करना पड़ता है तब आप को बड़ा दुःख होता है परन्तु करें क्या, लाचार होकर ही भाप ऐसा करते हैं । बैरिस्टरी काम के अलावा और बहुत से सरकारी और इतर काम भाप के पास प्राते हैं । सरकारी कानून बनाने वाली सभा के आप सभासद हैं अतएव कोई महीना ऐसा खाली नहीं जाता कि, भाप के पास कोई सरकारी कानूनी मसविदा देखने और उस पर राय देने के लिए न भाता हो। सन् १८७२, ७३ से, आप की बैरिस्टरी खूब अच्छी चलने लगी है। पैरिस्टरी के काम से आप को .फुरसत बहुत कम मिलती है परन्तु देश- हित के काम की ओर आप का ध्यान बराबर बना रहता है। श्राप देशहित के लिए कभी कभी अपना निज का लाभ भी परित्याग कर देते हैं । राव साहय विश्वनाथ नारायण मंडलीक और नौरोजी फरदोन -
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