सर फीरोज़शाद एम मेहता के० सी० आई० ई०। ३५ जी सरीरी सज्जन पुरुषों के साथ अम्बई म्युनिसिपैलिटी में रह कर पाप ने मुम्यापुरी की उत्तम सेवा की । म्युनिसिपैलिटी द्वारा प्राप्त अनु- भल से पाप नब तक काम करते हैं । सन् १८८४ में भाप यम्बई कारपो- रेशन के सभापति नियत हुए । उस समय जो आप ने काम किया उसकी बायत यम्बई के प्रसिद्ध पत्र 'टाइम्त माफ इण्डिया' ने लिखा था कि, "यूरोपियन और नेटिष दोनों के विचार से मेहता महोदय ने कारपो- रेशन के सभापति का ऐसा उत्तम काम किया जैसा कि अन्य किसी सभा पति ने नहीं किया। मिस्टर मेहता बम्बई यासियों की ही सेवा नहीं करते और न केवल बम्बई प्रान्त की, किन्तु भारत की सेया के लिए भी आप रात दिन उद्योग करते हैं । 'यम्यई प्रेसीडेन्सी ऐसोसिएशन' नाम की एक सभा काशीनाथ यम्यक तैलंग, तय्यब जी और भाप ने मिल कर स्थापित की । इस सभा ने 'इलवर्ट बिल' के समय बहुत ही अच्छा काम किया। और अब भी यह सभा यही उत्तमता के साथ चलती है और इसके द्वारा मेहता महोदय श्रम भी देश सेवा करते हैं। सन् १८८६ में यम्बई प्रान्त के लाई रे महोदय गवर्नर थे। उन्होंने फीरोज़ शाह मेहता को यम्बई सरकार की कानून बनाने वाली सभा का सभासद धनाया । उस समय भी नाप ने सरकारी सभासदों की परवाह न करके मजा के पक्ष का समर्थन किया। सन् १८८८ में म्युनिसि पैलिटी ऐकृषिल सभा के सामने पेश हुभा; उस समय मिस्टर तैलंग भी सभासद थे । इन दोनों सज्जनों ने अपने बहुत दिनों के परिश्रम द्वारा माप्त किए हुए अनुभव से प्रात्म-शासनप्रणाली के नियमों का पालन किया। जिस के कारण सरकार को उस बिल में बहुत कुछ फेरफार करना पड़ा । पहले पहल जो मसविदा कौंसल के सामने पेश किया 1. गया उससे मजा को अधिक कुछ लाभ न था । परन्तु सिलेक कमेटी में मिस्टर मेहता और तेलंग दोनों ही नियत हुए । अतएव इन दोनों । सज्जनों ने रात दिन बहुत ही अधिक परिश्रम करके यह बिल जैसा प्रजा को चाहिए था उसके अनुकूल बनाया । परन्तु वह ज्यों का त्यों
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